न्यूज़ डेस्क : चीन में पिछले साल के मुताबिक इस साल तलाक के पंजीकृत मामलों में 72 फीसदी की गिरावट आई है। चीन के न्यूज़ नागरिक मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों ने जानकारी सामने रखी है। इन आंकड़ों के मुताबिक, 2021 की पहली तिमाही में 2.96 लाख तलाक के मामले पंजीकृत हुए थे।
जबकि पिछले साल अंतिम तिमाही में 10.60 लाख तलाक के मामले रजिस्टर हुए थे। ऐसा माना जा रहा है कि ‘कूल-ऑफ नियम’ की वजह से चीन में तलाक के मामलों में गिरावट देखी जा रही है। बता दें कि चीन में एक जनवरी 2021 से सिविल कोड लागू किया गया, इसे मई में संसद से मंजूरी मिली।
ये नियम कहता है कि तलाक की अर्जी देने के एक महीने तक पति-पत्नी को कूल-ऑफ अवधि बितानी होगी। इस कानून के तहत अगर इस दौरान दोनों में से किसी का भी मन बदलता है तो दोनों में से कोई भी इस अर्जी को वापस ले सकते हैं। इससे पहले तलाक की अर्जी लगाते ही पति-पत्नी को तलाक मिल जाया करता था।
हालांकि ये कानून चीन में बहुत आसानी से लागू नहीं हुआ, इसे लागू करने के लिए चीन सरकार को काफी आलोचना झेलनी पड़ी। इसे निजी स्वतंत्रता में हस्तक्षेप और जबरन लोगों को ऐसे रिश्ते में बांधने की कोशिश बताई जा रही थी, जिससे वो खुश नहीं हैं। वहीं कुछ लोगों ने इसे पारिवारिक मजबूती और सामाजिक स्थिरता के लिए बेहतर बताया है।
ऑल चाइनी विमेन फेडरेशन के मुताबिक, बीते सालों में चीन में तलाक के मामले बढ़े हैं। तलाक के मामलों में 70 फीसदी से ज्यादा में पहल करने वाली पत्नियां हैं। इस चलन ने कई नीति निर्माताओं को सचेत किया। बता दें कि सिर्फ चीन में ही नहीं बल्कि फ्रांस और ब्रिटेन में भी इस नियम को लागू किया हुआ है। फ्रांस और ब्रिटेन में भी कूलिंग-ऑफ नियम लागू है। यहां दंपती के बीच आपसी सामंजस्य से तलाक लेने की प्रक्रिया में इंतजार की अवधि दो से छह हफ्ते की है।
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