जिनके पास फोटो पहचान पत्र नहीं, उनकों भी लगेगा टीका, सरकार ने जारी किया आदेश

न्यूज़ डेस्क : भारत में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार को खत्म करने के लिए टीकाकरण अभियान तेजी से जारी है। हालांकि, देश में कुछ ऐसे लोग भी मौजूद हैं, जिनके पास फोटो पहचान पत्र के नाम पर कुछ भी नहीं है। ऐसे लोगों को वैक्सीनेशन अभियान से जोड़ने के उद्देश्य से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिला कार्यबल के लिए एक एसओपी जारी की है। इसमें जिला कार्यबल को ऐसे लोगों को कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन करने की जिम्मेदारी दी गई है, जिनके पास फोटो पहचान पत्र नहीं है। 

 

 

 

दरअसल, कोरोना के खिलाफ किए जा रहे हर एक वैक्सीनेशन का डाटा एक सॉफ्टवेयर पर पंजीकृत किया जाना है। इसके लिए वैक्सीन लगवाने वाले के पास एक वैध पहचान पत्र होना जरूरी माना गया है। ऐसे में जिन लोगों के पास कोई भी फोटो पहचान पत्र नहीं होगा, उन्हें वैक्सीन लेने में समस्या हो सकती है और ऐसे समूह से संक्रमण के मामलों के बढ़ने का खतरा भी बना रहेगा।

 

 

फोटो पहचान पत्र के बिना किन लोगों को लगेगा टीका

केंद्र ने फोटो पहचान पत्र के बिना टीकाकरण के लिए लोगों के कई समूहों की पहचान की है। लोगों के ऐसे समूहों में खानाबदोश (विभिन्न धर्मों के साधु/संत सहित), जेल के कैदी, मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में बंद कैदी, वृद्धाश्रम के लोग, भिखारी, पुनर्वास केंद्रों में रहने वाले लोग शामिल हैं। उन लोगों को भी टीका दिया जाएगा, जिनके पास निर्धारित फोटो पहचान पत्र नहीं है। केंद्र ने कहा है कि अब वैध पहचान पत्र वाले एक प्रमुख सूत्रधार की पहचान की जाएगी जो इन समूहों के वैक्सीनेशन के लिए सेंटर प्वाइंट होगा। केंद्र ने यह भी कहा है कि जेल अधिकारियों और वृद्धाश्रम के अधिकारी प्रमुख सूत्रधार के रूप में काम कर सकते हैं।

 

 

 

वैक्सीनेशन के लिए जरूरी दस्तावेज

टीकाकरण के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर स्मार्ट कार्ड और पेंशन दस्तावेज  फोटो पहचान पत्र के तौर पर मान्य हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के बारे में कई आवेदन प्राप्त किए हैं, जिनके पास इनमें से कोई भी नहीं है। मंत्रालय ने कहा, ‘कोविड-19 टीकाकरण सेवाओं को पहचान प्रमाणों के अभाव में अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।’ मंत्रालय ने यह भी कहा कि इन लोगों का टीकाकरण केवल सरकारी केंद्रों पर होगा। लाभार्थियों की पहचान को सत्यापित करने के लिए प्रमुख सूत्रधार की आवश्यकता होगी।

 

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