असम जीत, बंगाल हार के साथ ही मिश्रित रहा भाजपा के लिए पांच राज्यों का चुनाव

न्यूज़ डेस्क : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। इस किले को जीतने के लिए पार्टी ने साम, दाम, दंड और भेद की हर युक्ति का इस्तेमाल किया, लेकिन इसके बाद भी बंगाल की जीत उससे दूर ही रह गई। अब तक के चुनावी अनुमानों में वह 80 के आंकड़े के आसपास सिमटती दिख रही है। 200 सीट का लक्ष्य सामने रखकर चलने वाली भाजपा के लिए यह थोड़ी निराशा की बात जरूर हो सकती है,  लेकिन इसके बाद भी उसके लिए इन चुनाव परिणामों में बहुत कुछ है। वह इस बात पर ख़ुशी जता सकती है कि उसने असम की सत्ता बचाने के साथ-साथ पुडुचेरी में जीत हासिल की है। 

 

 

 

पार्टी ने केरल सहित अन्य सभी चुनावी राज्यों में भी बढ़त हासिल की है। भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता हथियाने से भले ही दूर रह गई, लेकिन इसके बाद भी वह राज्य की विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल बनती हुई दिख रही है। अगर इस बात को ध्यान से देखें कि इस लक्ष्य तक पहुंचने में वामपंथी दलों और खुद टीएमसी को एक लंबा सफर तय करना पड़ा था, यह उपलब्धि कम करके नहीं आंकी जा सकती। पार्टी ने यहां पर तीन सीट से लगभग 80 के आसपास पहुंचती दिख रही है।

 

 

चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि पार्टी असम में सत्ता में वापसी करती दिख रही है। पांच साल के शासन के बाद सत्ताविरोधी लहर को पीछे छोड़ते हुए सत्ता में वापसी उसके लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। यहां की जीत इस मायने में भी अहम कही जा सकती है क्योंकि कांग्रेस पार्टी इस बार असम में अपने लिए बड़ी संभावना देख रही थी। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने यहां जमकर प्रचार किया था। इसके बाद भी अगर भाजपा अपना किला बचाने में कामयाब रही है तो यह उसके लिए बड़ी बात मानी जा सकती है।

 

 

 

भाजपा नेता सुदेश वर्मा कहते हैं कि पार्टी ने हर राज्य में अपनी मजबूत जगह बनाई है। बंगाल में बढ़त के साथ-साथ असम में सत्ता में वापसी की है। पुडुचेरी में पार्टी जीत की ओर बढ़ रही है तो केरल में भी पार्टी के आधार वोट बैंक में बढ़ोतरी हुई है। तमिलनाडु में भी पार्टी की वैचारिक स्वीकार्यता बढ़ी है। इसलिए इस बार के चुनावी परिणाम भाजपा के लिए एक अच्छा संकेत कहा जा सकता है।

 

 

पश्चिम बंगाल सहित सभी राज्यों में मिली भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले मिली बढ़त, असम में सत्ता में वापसी की ओर, पुदुच्चेरी में जीत तो केरल में जनाधार में हुई बढ़ोतरी

 

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