एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट कारोबार को 6,238 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी, जानिये इसके लाभ

न्यूज़ डेस्क : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट के लिए व्यय से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। 6,238 करोड़ रुपये की यह योजना वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 तक लागू रहेगी। 

 

 

 

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट के लिए व्यय से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। 6,238 करोड़ रुपये की यह योजना वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 तक लागू रहेगी। इससे पहले सात अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी।

 

 

 

घरेलू विनिर्माण को मिलेगी मजबूती

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि एसी और एलईडी के लिए पीएलआई योजना की मंजूरी से इन क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को मजबूती मिलेगी। केंद्र की इस उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना का मकसद देश में विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

 

 

 

योजना से ऐसे होगा फायदा

पूर्ण रूप से अनुकूल परिवेश तैयार करने तथा भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का अभिन्न हिस्सा बनाने के मकसद से यह योजना तैयार की गई है। योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित होने, बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होने और सतत रूप से निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। बयान के अनुसार उम्मीद है कि यह योजना, एसी और एलईडी लाइट उद्योग में उच्च विकास दर हासिल करने, भारत में सहायक कल-पुर्जों के संपूर्ण परिवेश को विकसित करने और भारत में विनिर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर की कंपनियों को तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाएगी।

 

 

योजना के लिए ऐसे होगा कंपनियों का चयन 

योजना के लिए कंपनियों का चयन उन कल-पुर्जों या उपकरण के हिस्से के विनिर्माण (सब असेंबलिंग) को प्रोत्साहन देने के आधार पर किया जाएगा, जिन्हें फिलहाल भारत में पूरी क्षमता के साथ नहीं बनाया जा रहा है। बयान के अनुसार तैयार वस्तुओं को सिर्फ जोड़ने (असेंबल) के लिए प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा।

 

 

 

इसमें कहा गया है, ‘विभिन्न लक्षित क्षेत्रों के लिए पूर्व-पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाली कंपनियां योजना में भाग लेने के योग्य मानी जाएंगी। पुरानी परियोजना और नई परियोजना में निवेश करने वाली कंपनियां भी प्रोत्साहन योजना के योग्य मानी जाएंगी। प्रोत्साहन का दावा करने के लिए आधार वर्ष पर निर्मित वस्तुओं के संदर्भ में निवेश और बिक्री में वृद्धि की शर्त को पूरा करना होगा।’

 

 

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