न्यूज़ डेस्क : देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेकाबू हो गई है। गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सवा लाख से अधिक कोरोना के मरीज मिले हैं। महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच कई राज्य कोरोना मरीजों को बचाने के लिए दवाएं और ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहे हैं। कहीं अस्पतालों में बेड की कमी हैं, तो कहीं वेंटिलेटर कम पड़ गए हैं। कई राज्यों में वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने के चलते टीकाकरण अभियान थम गया है। इसके इतर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच ‘वैक्सीन पॉलिटिक्स’ जारी है। ऐसे स्थिति में सवाल ये है कि चिकित्सा उपकरणों की कमी से जूझते ही देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई कैसे जीतेगा? कोविड वैक्सीन, अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन से जुड़ी सभी राज्यों की अपडेट यहां पढ़ें…
कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ तेजी चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान पर वैक्सीन की कमी ने ब्रेक लगा दी है। महाराष्ट्र के बाद अब आंध्र प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान ने भी अपने यहां वैक्सीन की कमी जानकारी दी है।
महाराष्ट्र के कई जिलों में वैक्सीनेशन थमा
महाराष्ट्र सरकार की ओर से वैक्सीन का स्टॉक खत्म होने की शिकायत करने के बाद केंद्र सरकार और उद्धव सरकार के बीच टकराव बढ़ गया है।महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्र से हर महीने 1.6 करोड़ वैक्सीन की मांग की है। प्रदेश में हर दिन 6 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है, ऐसे में हमें हर हफ्ते 40 लाख वैक्सीन की जरूरत है। इस बीच,
महाराष्ट्र के पनवेल, सतारा में वैक्सीन की कमी का हवाला देते हुए टीकाकरण रोक दिया गया है। वहीं पुणे में टीके की कमी के चलते 109 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर, नवी मुंबई और वाशिम में एक दिन का स्टॉक बचा हुआ है।
दिल्ली में भी कोरोना वैक्सीन की कमी
दिल्ली में भी वैक्सीन स्टॉक की कमी का दावा किया गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में भी अब 4 से 5 दिन का वैक्सीन स्टॉक बचा हुआ है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में टीका लगाने की रफ्तार धीमी है। केंद्र के अस्पतालों में सिर्फ 30 से 40 फीसदी वैक्सीन लगाई गई है। इसी वजह से दिल्ली में आंकड़े कम दिख रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह वक्त राजनीति करने का नहीं है बल्कि एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ने का है।
ओडिशा: स्टॉक खत्म होने के चलते 700 टीकाकरण केंद्र बंद
महाराष्ट्र के बाद ओडिशा ने भी अपने यहां वैक्सीन का डोज खत्म होने का दावा किया है। ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नबा किशोर दास ने कहा कि हमारे पास सिर्फ दो दिन का स्टॉक बचा हुआ है। वैक्सीन नहीं मिली, तो आने वाले समय में लोगों को केंद्रों से वापस लौटाना होगा। उन्होंने कहा कि 1400 टीकाकरण केंद्रों में से 700 केंद्रों को तो बंद कर दिया गया है। हर रोज ढाई लाख टीका लगाया जा रहा है। फिलहाल स्टॉक में 5,34 लाख वैक्सीन बची है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन स्टॉक कमी के बारे में केंद्र को पत्र लिखकर अवगत कराया है। हमने उनसे 25 लाख वैक्सीन की मांग की है।
झारखंड ने भी खड़े किए हाथ
झारखंड की सरकार के मुताबिक, उनके पास वैक्सीन का सिर्फ दो दिन का स्टॉक बचा है। हालांकि, राज्य सरकार के दावों से इतर केंद्र की ओर से कहा गया है कि हर राज्य को वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में दी जा रही है।
राजस्थान को मिले खराब वेंटिलेटर!
राजस्थान ने भी केंद्र से वैक्सीन और वेंटिलेटर को लेकर मदद मांगी है। साथ ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य को 1000 वेंटिलेटर भेजे गए थे, लेकिन इन्होंने दो-ढाई घंटे बाद ही काम करना बंद कर दिया। मुख्यमंत्री गहलोत ने समीक्षा बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया था। केंद्र को इसकी जानकारी होनी चाहिए थी और हमने उन्हें सूचित कर भी दिया है। इसमें कोई राजनीति नहीं है, हम उन्हें तकनीकी खामी के बारे में बता रहे थे।
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