न्यूज़ डेस्क : करीब पांच दशकों से सिनेमा में सक्रिय अभिनेता रजनीकांत (Rajnikanth) को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड (Dada Saheb Phalke Award) से नवाजा जाएगा। केंद्र सरकार ने गुरूवार सुबह, 1 अप्रैल 2021 को इसकी सूचना दी है। रजनीकांत बीते पांच दशक से सिनेमा पर राज कर रहे हैं। इस साल ये सिलेक्शन ज्यूरी ने किया है। इस ज्यूरी में आशा भोंसले, मोहनलाल, विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई जैसे कलाकार शामिल रहे हैं।
कौन थे दादा साहब फाल्के
दादा साहब फाल्के को भारतीय सिनेमा का जन्मदाता कहा जाता है। उनका जन्म 30 अप्रैल 1870 को हुआ था। 1913 में उन्होंने ‘राजा हरिशचंद्र’ नाम की पहली फुल लेंथ फीचर फिल्म बनाई थी। दादा साहब सिर्फ एक निर्देशक ही नहीं बल्कि एक जाने माने निर्माता और स्क्रीन राइटर भी थे। उन्होंने 19 साल के फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाईं। लेकिन ‘द लाइफ ऑफ क्रिस्ट’ उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है। भारतीय सिनेमा में दादा साहब के ऐतिहासिक योगदान के चलते 1969 से भारत सरकार ने उनके सम्मान में ‘दादा साहब फाल्के’ अवार्ड की शुरुआत की गई थी। बता दें कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।
कैसे चुना जाता है ?
हर साल किसी एक कलाकार को इस पुरस्कार के लिए चुना जाता है। विजेता को एक स्वर्ण कमल (Golden Lotus) मेडल, शॉल और 10 लाख रुपये नकद पुरस्कार से नवाजा जाता है।
डायरेक्टरेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल्स द्वारा नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह (National Film Awards) में विजेता को इस पुरस्कार से नवाजा जाता है।
यह पूरी प्रक्रिया केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB – Ministry of Information and Broadcasting) के अधीन आती है।
सबसे पहला दादा साहब फाल्के अवॉर्ड अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था। उन्हें 17वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह में इस पुरस्कार से नवाजा गया था। देविका रानी को भारतीय सिनेमा पहली सुपरस्टार भी कहा जाता है।
रजनीकांत को मिलाकर अब तक कुल 51 लोगों को यह सम्मान दिया जा चुका है। चलिए जानते हैं अब तक किस किस को यह पुरस्कार मिल चुका है।
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