कॉरपोरेट मंत्रालय का नोटिफिकेशन, अब प्रत्येक लेनदेन के ऑडिट ट्रेल का रखना होगा रिकॉर्ड

न्यूज़ डेस्क : वित्त वर्ष 2021-22 से यानी एक अप्रैल 2021 से जो कंपनियां अपनी अकाउंटिंग की किताबों के रख-रखाव के लिए अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करती हैं, उन्हें केवल ऐसे अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करना होगा जिसमें प्रत्येक लेनदेन के ऑडिट ट्रेल को रिकॉर्ड करने की सुविधा हो और साथ ही यह खाते में किए गए प्रत्येक बदलाव का एडिट लॉग भी बना सके। इसमें बदलाव की तारीख का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लेखा सत्यापन में कोई परिवर्तन न हो सके। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस संदर्भ में नोटिफिकेशन जारी की है।

 

 

 

केंद्र सरकार ने कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 469 के साथ पठित धारा 134 द्वारा दिए गए अधिकारों का प्रयोग करते हुए कंपनी (अकाउंट्स) नियम, 2014 में संशोधन किया है। इन नियमों को कंपनी (अकाउंट्स) संशोधन नियम, 2021 कहा जाएगा। यह एक बड़ा बदलाव है क्योंकि खाते से कोई भी एंट्री हटाने पर यह रिकॉर्ड हो जाएगा। एडिट लॉग बनाए बिना कोई अनुमति नहीं मिलेगी। ये बदलाव एक अप्रैल 2021 से लागू हो जाएगा। 

 

 

 

मंत्रालय के अनुसार, निम्नलिखित खंडों को अत: स्थापित किया जाएगा-

वित्तीय वर्ष के अंत में उनकी स्थिति सहित वर्ष के दौरान दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, 2016 के अनुसार किए गए किसी आवेदन अथवा किसी विचाराधीन कार्यवाही का ब्यौरा।

संबंधित कारणों सहित बैंकों अथवा वित्तीय संस्तानों के कर्ज लेने के दौरान एकबारगी निपटान के समय किए गए मूल्यन की राशि और किए गए मूल्यन के बीच भिन्नता का ब्यौरा।

 

 

आईबीसी के तहत दबाव वाली संपत्तियों के समाधान की स्थिति सामान्य

मालूम हो कि भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के अध्यक्ष एम एस साहू ने कहा है कि दिवाला कानून के तहत दबाव वाली संपत्तियों के संदर्भ में स्थिति अब ‘सामान्य हो गई है। उन्होंने कहा कि नए मामलों में दिवाला प्रक्रिया शुरू करने पर रोक की अवधि अब समाप्त हो गई है, जिससे चीजें सामान्य हो रही हैं। कोरोना वायरस महामारी की वजह से संबद्ध प्रावधानों को स्थगित कर दिया गया था। अब यह रोक समाप्त हो गई है तथा दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत नए मामलों में प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

 

 

 

24 मार्च को समाप्त हुई रोक

दबाव वाली संपत्तियों के समयबद्ध तथा बाजार आधारित निपटान के लिए आईबीसी के कुछ प्रावधानों को पिछले साल 25 मार्च को महामारी की वजह से स्थगित कर दिया गया था। यह रोक 24 मार्च को समाप्त हो गई है।

 

 

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