न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई है। इस बीच लोगों के काम करने के तरीके से लेकर उनके रहन-सहन में कई बदलाव आए हैं। भारत में भी लोगों ने बहुत कुछ पहली बार देखने को मिला। कोरोना की दहशत के कारण लोग अपने घरों से निकलने से कतराने लगे। ऐसे में भारत सरकार और केंद्रीय बैंक आरबीआई ने लोगों को डिजिटन बैंकिंग के माध्यम से लेनदेन करने के लिए प्रेरित किया। अब देश में ऑनलाइन शॉपिंग भी एक ट्रेंड बन गया है।
प्रतिदिन बढ़ रही है ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या
कोरोना से पहले तक कई लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करना ठीक नहीं लगता था। लेकिन अब इसमें तेजी देखने को मिल रही है। प्रतिदिन ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही ही है। छोटी कंपनियों ने भी अपने ग्राहकों को ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा दी। देश में ई-कॉमर्स सेक्टर में 2019-24 तक करीब 27 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। यानी ई-कॉमर्स क्षेत्र के साल 2024 तक करीब 99 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
2025 तक भारत में 2200 लाख ऑनलाइन शॉपर्स
इस संदर्भ में EY-IVCA ट्रेंड बुक 2021 ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ग्रोसरी और फैशन बाजार का इस वृद्धि में बड़ा हिस्सेदार होगा। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 तक भारत में 2200 लाख ऑनलाइन शॉपर्स होंगे। खुदरा में करीब 10.7 फीसदी की उछाल की उम्मीद वर्ष 2024 तक अनुमानित है। साल 2019 में यह 4.7 फीसदी थी।
ऑनलाइन रिटेल मार्केट 25 फीसदी होने का अनुमान
भारत में ऑनलाइन रिटेल मार्केट 25 फीसदी होने का अनुमान है। इसके साल 2027 तक 37 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है। टीयर 2 और 3 जैसे शहरों से आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं की वृद्धि देखी गई है। आगे रिपोर्ट में कहा गया कि छोटे और मध्यम व्यवसायियों द्वारा टेक्नोलॉजी को अपनाने के फीसदी में वृद्धि हो रही है। इसकी वजह से डिजिटल नेटिव स्टार्टअप बढ़ने की उम्मीद है।
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