न्यूज़ डेस्क : क्वाड देशों के नेताओं के पहले सम्मेलन की शुरुआत शुक्रवार की शाम को हो गई है। डिजिटल माध्यम से हो रहे इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन हिस्सा ले रहे हैं।
इस सम्मलेन में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, मुक्त और समावेशी बनाने के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जा रही है। इसे लेकर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इस क्षेत्र के महत्व को उल्लेखित करते हुए कहा कि 21वीं शताब्दी की दुनिया का भविष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र तय करेगा।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हमारा एजेंडा वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन और उभरती तकनीक जैसे मुद्दे शामिल हैं, जो कि क्वाड को वैश्विक बेहतरी के लिए एक अच्छी ताकत बनाता है। उन्होंने कहा कि क्वाड हमेशा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थायित्व का एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं भारत के प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम‘ के प्रसार के रूप में एक सकारात्मक विजन देखता हूं, जो पूरे विश्व को एक परिवार मानने की भावना पर आधारित है। हम सुरक्षित, स्थाई और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाने के लिए पहले से कहीं ज्यादा करीबी से काम करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि 21वीं सदी में दुनिया का भविष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र तय करेगा। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि आइए, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के चार महान लोकतंत्रों के नेताओं के तौर पर हम अपनी भागीदारी को शांति, स्थायित्व और समृद्धता का प्रतीक बनाएं।
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका आपके साथ और अन्य सभी सहयोगियों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।‘ बाइडन ने कहा कि यह समूह (क्वाड) खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समस्याओं के व्यावहारिक समाधान और ठोस परिणामों के लिए समर्पित है।
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