कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली को मिलेगा वर्ष 2020 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार

न्यूज़ डेस्क : साहित्य अकादमी ने हिंदी में कविता संग्रह के लिए अनामिका और कन्नड़ में महाकाव्य लिखने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली को वर्ष 2020 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की शुक्रवार को घोषणा की।

 

 

साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने एक विज्ञप्ति में बताया कि अकादमी ने 20 भाषाओं के लिए अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की है। अकादमी ने पुरस्कार देने के लिए सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक संस्मरण और एक महाकाव्य का चयन किया है।

 

 

महाकाव्य के लिए मिला मोइली को सम्मान

वीरप्पा मोइली को उनके महाकाव्य श्री बाहुबली अहिमसादिग्विजयमके लिए वर्ष 2020 का साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोइली कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं। वह एक साहित्यकार भी हैं और उन्होंने कन्नड़ भाषा में कई उपन्यास लिखे हैं। उन्हें 2007 में मूर्तिदेवी और 2014 में सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

 

 

अनामिका को कविता संग्रह के लिए पुरस्कार

राव ने बताया कि हिंदी में टोकरी में दिगन्त: थेरीगाथा:2014’ कविता संग्रह के लिए अनामिका को पुरस्कृत किया जाएगा।

 

 

अंग्रेजी में अरुंधति, उर्दू में हुसैन को मिलेगा सम्मान

अंग्रेजी में अरुंधति सुब्रह्मण्यम को कविता संग्रह व्हेन गॉड इज़ ए ट्रैवलरके लिए जबकि उर्दू में हुसैन-उल-हक को उनके उपन्यास अमावस में ख्वाबके लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

 

 

इन्हें भी साहित्य पुरस्कार से नवाजा जाएगा

कविता-संग्रह

हरीश मीनाश्रु (गुजराती)

आर.एस. भास्कर (कोंकणी)

ईरुंगबम देवेन (मणिपुरी)

रूपचंद हांसदा (संथाली)

निखिलेश्वर (तेलुगु)

 

 

 

उपन्यास

नंदा खरे (मराठी), डॉ. महेशचन्द्र शर्मा गौतम (संस्कृत), इमाइयम (तमिल)।

कहानी-संग्रह

अपूर्व कुमार सैकिया (असमिया), (दिवंगत) धरणीधर औवारी (बोडो), (दिवंगत) हृदय कौल भारती (कश्मीरी), कमलकान्त झा (मैथिली) एवं गुरदेव सिंह रूपाणा (पंजाबी)।

 

नाटक

ज्ञान सिंह (डोगरी) एवं जेठो लालवानी (सिंधी) को नाटक के लिए और शंकर (मणिशंकर मुखोपाध्याय) (बांग्ला) को संस्मरण के लिए पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है।

 

 

पुरस्कार में यह मिलेगा

मलयालम, नेपाली, ओड़िया और राजस्थानी भाषाओं में पुरस्कार बाद में घोषित किए जाएंगे। पुरस्कार एक जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2018 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों के लिए देने का एलान किया गया है। पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी। पुरस्कारों के वितरण की तिथि अभी तय नहीं हुई है।

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