कोरोना असर : इस वर्ष आवासीय इकाइयों की बिक्री में 34 फीसदी आ सकती की गिरावट

न्यूज़ डेस्क : इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने यह अनुमान व्यक्त किया है कि कोरोना महामारी के चलते चालू वित्त वर्ष 2020-21 में आवासीय इकाइयों की बिक्री में 34 फीसदी की गिरावट आ सकती है। हालांकि निम्न तुलनात्मक आधार के हिसाब से अप्रैल से शुरू हो रहे वर्ष 2021-22 में मांग में करीब इसी तेजी से वृद्धि भी दिख सकती है।

 

 

 

के-शेपकी रिकवरी की उम्मीद

एजेंसी का अनुमान है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में अगले वित्त वर्ष में के-शेपकी रिकवरी आ सकता है। इसका अर्थ है कि बाजार नरमी से पूरी तरह से तो नहीं उबर सकेगा पर चालू वित्त वर्ष में गिरावट के बाद वृद्धि दर के आंकड़े अच्छे दिखेंगे।

 

 

 

2022 में बिक्री में 30 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद

एजेंसी ने एक बयान में कहा कि, ‘वित्त वर्ष 2021 में सालाना आधार पर 34 फीसदी की गिरावट के बाद वित्त वर्ष 2022 में बिक्री में 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की जा सकती है।हालांकि एजेंसी ने इस बात पर जोर दिया कि वित्त वर्ष 2022 में समग्र बिक्री अभी भी वित्त वर्ष 2019-20 के स्तर से लगभग 14 फीसदी कम रह सकती है।

 

 

नौ महीने में बिक्री में 41 फीसदी की गिरावट

वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में कुल 32.6 करोड़ वर्गफीट आवासीय क्षेत्र की बिक्री हुई थी। एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में सालाना आधार पर बिक्री में 41 फीसदी की गिरावट रही है। पूरे वित्त वर्ष में यह गिरावट 34 फीसदी रह सकती है।

 

 

मालूम हो कि देश में रहने के लिहाज से बड़े शहरों में बंगलूरू और छोटे शहरों में शिमला सबसे बेहतर शहर है। भारत सरकारी की ओर ईज ऑफ लिविंग‘ (जीवन जीने की सुगमता) सूचकांक में यह जानकारी दी गई है। ईज ऑफ लिविंगसूचकांक के तहत कुल 111 शहरों की रैंकिंग जारी की गई है। इस सूची में पुणे दूसरे और अहमदाबाद तीसरे स्थान पर है।

 

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