हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने जीता विश्वास मत, 55 विधायकों का मिला समर्थन

न्यूज़ डेस्क : हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार के खिलाफ मचा राजनीतिक घमासान अविश्वास प्रस्ताव गिरने के साथ शांत हो गया। हालांकि, अब सरकार के पक्ष में आए 55 विधायकों के समर्थन पर चर्चा शुरू हो गई है। दरअसल, खट्टर ने अपने सभी 50 विधायक (40 भाजपा और 10 जजपा) साधकर रखे और पांच निर्दलीय भी पाले में खींच लिए। कैसे जुटाया मनोहर लाल ने इतना समर्थन, जानते हैं 

 

 

ऐसे गिरा अविश्वास प्रस्ताव

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा विधानसभा में आज (10 मार्च) मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। इस पर करीब छह घंटे तक लंबी चर्चा हुई, जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव धराशायी हो गया। दरअसल, हरियाणा विधानसभा में कुल 88 विधायक हैं, जिनमें 55 विधायकों ने मनोहर लाल सरकार को समर्थन दिया। वहीं, 32 विधायकों ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। एक विधायक ने किसी भी पक्ष को वोट नहीं दिया।

 

 

 

विधानसभा में कैसे बना समीकरण

बता दें कि हरियाणा विधानसभा में भाजपा के कुल 40 विधायक हैं, जबकि सहयोगी दल जजपा के 10 विधायक हैं। विपक्षी दल कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं, जबकि सात निर्दलीय और एक विधायक एचएलपी का है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा और जजपा के सभी 50 विधायकों को साधने में सफल रहे। इसके अलावा वह पांच निर्दलीय विधायकों को भी अपने पाले में ले आए। दरअसल, कांग्रेस के पक्ष में 32 वोट गए, जिनमें 30 विधायक तो पार्टी के ही हैं। इसके हिसाब से दो अन्य विधायक ही कांग्रेस के साथ गए, जबकि एक विधायक ने मतदान नहीं किया।

 

 

क्या खट्टर के आंसुओं से बदली बिसात?

गौरतलब है कि विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल भावुक हो गए। उन्होंने महिला दिवस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ट्रैक्टर पर बैठाकर महिला विधायकों द्वारा रस्से से खींचने का जिक्र किया। रुंधे गले और आंसू पोंछते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला दिवस पर महिला विधायकों के साथ बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार किया गया। इस दृश्य से इतना दर्द हुआ कि वह पूरी रात सो नहीं पाए। माना जा रहा है कि इस घटना के जिक्र का असर अन्य विधायकों पर पड़ गया। 

 

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