तृणमूल कांग्रेस ने अपने सारे पत्ते खोल दिए, 50 महिलाओं, 42 मुस्लिम, अनुसूचित जाति के 79, अनुसूचित जनजाति के 17 और 9 सितारों को मैदान

न्यूज़ डेस्क : पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस ने अपने सारे पत्ते खोल दिए हैं। ममता बनर्जी ने महिलाओं से लेकर क्रिकेट और फिल्मी सितारों को उतारकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं या यूं कह लीजिए कि दीदी ने सियासी रण में अपने सिपहसालारों को तैनात कर दिया है। दरअसल, ममता बनर्जी ने 50 महिलाओं को टिकट दिया है तो 42 मुस्लिम उम्मीदवारों पर भी दांव खेला है। इसके अलावा अनुसूचित जाति के 79, अनुसूचित जनजाति के 17 और 9 सितारों को भी मैदान में उतारा है। इस रिपोर्ट में हम दीदी का सियासी गणित समझते हैं।

 

 

 

बुजुर्गों से किनारा, युवाओं पर भरोसा

291 उम्मीदवारों की सूची जारी करते वक्त ममता बनर्जी ने साफ कहा कि 28 वर्तमान विधायकों के टिकट काटे गए हैं, जिनमें 80 साल से ज्यादा उम्र के नेता शामिल हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस लिस्ट में वे नेता भी शामिल हैं, जिन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है। वहीं, पार्टी ने 100 युवाओं पर दांव खेला है। इसका सीधा मकसद युवा मतदाताओं पर फोकस है। इसके अलावा टीएमसी ने तीन सीटें अपने सहयोगी गोरखा मुक्ति मोर्चा के लिए किसी भी तरह के विवाद से बचने की कोशिश की है।

 

 

 

आधी आबादी पर फोकस

गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने 291 सीटों के लिए घोषित प्रत्याशियों में 50 टिकट महिला उम्मीदवारों को दिए हैं। इसके माध्यम से दीदी ने बंगाल की आधी आबादी को सियासी संदेश देने की कोशिश की है। सियासी जानकारों का मानना है कि टीएमसी इस कदम से महिलाओं को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है।

 

 

ओवैसी-सिद्दीकी को चकमा देने की कोशिश

बंगाल की सियासत में असदुद्दीन ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी की एंट्री के बाद मुस्लिम मतदाताओं को लेकर सवाल उठने लगे थे। हालांकि, ममता बनर्जी ने 42 मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव खेलकर इस धड़े को भी साधने की कोशिश की है। दरअसल, बंगाल में 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है, जो करीब 100 सीटों पर हार-जीत तय करते हैं।

 

 

पिछड़ी जातियों पर भी नजर

दीदी ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को भी अपने खेमे में रखने की कोशिश की है। 79 अनुसूचित जाति और 17 अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों को टिकट देने के पीछे का मकसद इसे ही माना जा रहा है। दरअसल, बंगाल में एससी और एसटी समुदाय की आबादी भी करीब 30 फीसदी है। ऐसे में राजनीतिक लिहाज से इन्हें नकारा नहीं जा सकता। माना जा रहा है कि टीएमसी ने इन दोनों समुदाय को बड़ी तादाद में टिकट देकर भाजपा को कड़ी टक्कर देने की रणनीति बनाई है।

 

 

 

दम दिखाने की कोशिश

गौरतलब है कि जब सुवेंदु अधिकारी ने भाजपा का दामन थामा, तब ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का एलान किया था और अब दीदी इसी सीट से मैदान में उतरेंगी। दरअसल, नंदीग्राम को सुवेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है। ऐसे में ममता ने जनता को यह संदेश देने की कोशिश की है कि बंगाल उनका है और इसके लिए वह किसी भी चुनौती से नहीं डरती हैं।

 

 

 

सितारों से लोगों को लुभाने का प्रयास

ममता बनर्जी ने क्रिकेट और फिल्म जगत से जुड़े सितारों पर भी दांव खेला है। इसके तहत बांकुरा से अभिनेत्री सायानतिका, उत्तरपाड़ा से कंचन मलिक, शिवपुर से क्रिकेटर मनोज तिवारी को टिकट दिया है। वहीं, सिंगर अदिति मुंशी को राजरहाट, चंद्रिमा भट्टाचार्य को नॉर्थ दमदम से मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि दीदी ने स्टारडम से भी लोगों को लुभाने की कोशिश की है।

 

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