यहाँ हुई बीजेपी की जमानत जप्त और कांग्रेस को मिली 52 सीटे

न्यूज़ डेस्क : फतेहगढ़ साहिब की तीन नगर परिषदों और नगर पंचायत खमाणों में हुए चुनावों में कांग्रेस पार्टी के 52 उम्मदीवारों ने जीत हासिल कर इतिहास रचा है। सरहिंद और मंडी गोबिंदगढ़ नगर परिषद में कांग्रेस के 19-19 उम्मीदवारों की जीत हुई है। दोनों नगर परिषद में पहले ही दो-दो उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं।

 

 

खमाणों नगर पंचायत के 13 वार्ड में से पांच वार्ड में कांग्रेस ने जीत हासिल की। बसपा ने एक, अकाली दल ने एक और छह निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। सरहिंद नगर परिषद के 23 वार्ड में कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी ने तीन और अकाली दल को एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा। 

 

 

 

इसी तरह बस्सी पठाना के 15 वार्ड में नौ पर कांग्रेस, तीन पर निर्दलीय प्रत्याशी, दो सीटों पर अकाली दल और आम आदमी पार्टी को एक सीट मिली। मंडी गोबिंदगढ़ के 29 वार्ड में से 19 पर कांग्रेस जीते। अकाली दल के चार, आम आदमी पार्टी के दो और चार निर्दलीय उम्मीदवार विजेता बने। अमलोह के वार्ड नंबर 12 (आरक्षित) के उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार बलतेज सिंह ने जीत हासिल की। 

 

 

भाजपा उम्मीदवारों को परिवार के मतों से करना पड़ा संतोष

फतेहगढ़ साहिब की तीन नगर परिषदों और एक नगर पंचायत के चुनाव में केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। भाजपा के ज्यादातर उम्मीदवारों को 20 या 50 पचास से अधिक वोट नहीं मिले। सरहिंद और मंडी गोबिंदगढ़ के उम्मीदवारों को तो 20 व उससे कम वोट मिले। वार्ड-23 में भाजपा को केवल सात वोट ही मिले। 

 

 

मंडी गोबिंदगढ़ के वार्ड नंबर-18 में भाजपा के उम्मीदवार विष्णु दत्त को मात्र 20 वोट मिले। वार्ड नंबर-17 में भाजपा के उम्मीदवार कृष्ण कुमार को मात्र 20 और वार्ड नंबर- 24 में बीजेपी के उम्मीदवार परमजीत सिंह को मात्र 17 वोट मिले हैं। भाजपा उम्मीदवारों को अपने परिवार के वोटों से ही सब्र करना पड़ा। इसी तरह सरहिंद के वार्ड नंबर एक में भाजपा को 14 वोट, वार्ड नंबर- 23 में सबसे कम सात वोट, वार्ड नंबर- दो में आठ वोट, वार्ड- तीन में 13, वार्ड- 10 में 14, वार्ड 14 में 15 और वार्ड नंबर-19 में 21 वोट ही मिले।

 

 

 

कहीं किसान आंदोलन का तो असर नहीं…

मंडी गोबिंदगढ़ में चुनाव से दो दिन पहले किसानों ने रोष मार्च निकालकर भाजपा उम्मीदवारों को वोट न देने की अपील की थी। इसका मजदूरों, आम लोगों और विभिन्न मजदूर संगठनों ने समर्थन किया था। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा।

 

 

कांग्रेस विधायकों ने भाजपा पर साधा निशाना

फतेहगढ़ साहिब के विधायक कुलजीत सिंह नागरा, बस्सी पठाना के विधायक गुरप्रीत सिंह जीपी और अमलोह के कांग्रेस विधायक रणदीप सिंह नाभा ने कहा कि नगर परिषद चुनाव में भाजपा का खाता न खुलना कृषि कानूनों को वापस न लेने का नतीजा है। आंदोलन लंबा चला तो भाजपा का अस्तित्व खतरे में आ सकता है। अकाली दल ने पहले ही भाजपा से किनारा कर लिया है। 

 

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