न्यूज़ डेस्क : कृषि कानूनों पर कुछ हैशटैग को लेकर ट्विटर केंद्र सरकार के निशाने पर है। सरकार ने खालिस्तानियों से संबंधित अकाउंट्स को हर हाल में डिलीट करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ट्विटर इसके लिए फिलहाल तैयार नहीं है। ऐसे में ‘कू एप’ काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन उसकी फंडिंग में चीन का कनेक्शन भी सामने आया है। इसके अलावा डाटा प्राइवेसी को लेकर भी तमाम सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि क्या ट्विटर पर केंद्र सरकार की नजर टेढ़ी होने का फायदा ‘कू एप’ को मिलेगा?
तीन मिलियन हुए यूजर्स
गौरतलब है कि ट्विटर की तरह कू एक माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट है। इसे मेड इन इंडिया ट्विटर कहा जा सकता है। यह हिंदी, अंग्रेजी समेत आठ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है। ट्विटर की तरह कू को एप और वेबसाइट दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका भी इंटरफेस लगभग ट्विटर जैसा है, लेकिन इसमें शब्दों की सीमा 400 है। फिलहाल कू एप की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है। अब तक कू एप पर तीन मिलियन यूजर्स हो चुके हैं।
चीन से फंडिंग पर उठे सवाल
बता दें कि कू के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण हैं। इसी सप्ताह कू ने अपनी सीरीज ए फंडिंग के हिस्से के रूप में 30 करोड़ रुपये जुटाए। यह फंडिंग इंफोसिस के मोहनदास पाई की 3one4 कैपिटल की ओर से हुई। इससे पहले कू को ऐक्सेल पार्ट्नर्ज, कालारी कैपिटल, ब्लूम वेंचर्ज और ड्रीम इंक्युबेटर से भी फंडिंग मिली है। हालांकि, कू को चीन से भी फंडिंग होने की बात सामने आई, जिसके बाद अप्रमेय राधाकृष्ण ने बताया कि कू भारत में पंजीकृत कंपनी है। इसके संस्थापक भी भारतीय हैं। शुरुआती फंडिंग करीब ढाई साल पहले हुई थी। हमारे शुरुआती सफर में चीन की कंपनी शुनवेई ने फंडिंग की थी, लेकिन उसे जल्द ही हटा दिया जाएगा।
डाटा सुरक्षित नहीं होने की बात भी आई सामने
जैसे-जैसे कू एप की चर्चा तेज हुई है, उस पर सवालों की बौछार भी बढ़ गई है। इस बीच फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने कू एप यूजर्स को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि इस एप पर जिनके भी अकाउंट हैं, वे सुरक्षित नहीं हैं। उनका डाटा लीक हो सकता है। इस मामले में कू एप की तरफ से फिलहाल कोई बयान नहीं आया है।
पीएम मोदी ने भी किया कू एप का जिक्र
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कू एप का जिक्र किया था। वहीं, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और रविशंकर प्रसाद ने इस प्लेटफॉर्म पर अपना अकाउंट बना लिया है। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत एप्लीकेशन चैलेंज में कू एप तीसरे नंबर पर आया था। उससे आगे जोहो और चिंगारी एप थे।
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