2020-21 में जीडीपी दर 7.7 फीसदी गिरेगी, 1952 के स्तर से नीचे पहुंच सकती है अर्थव्यवस्था

न्यूज़ डेस्क : कोरोना महामारी ने देश के जनजीवन के साथ ही अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा आघात पहुंचाया है। चालू वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी दर बढ़ने की बजाए 7.7 फीसदी गिरेगी। यह अनुमान राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ ने अपनी रिपोर्ट में जताया है। इसके उलट पिछले वित्त वर्ष 201-20 में जीडीपी 4.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी लेकिन कोरोना के कारण चालू वर्ष में यह फिसल कर 1952 के स्तर से नीचे पहुंच सकती है। 

 

 

 

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही से ही कोरोना का भयावह असर दिखाई दिया था और जीडीपी घटकर माइनस 23.9 फीसदी रह गई थी। हालांकि दूसरी तिमाही में यह सुधरकर माइनस 7.5 फीसदी पर आ गई थी। लेकिन पूरे साल के एनएसओ के अनुमान को देखें तो इसमें 7.7 फीसदी गिरावट का अनुमान है। इससे पूर्व आरबीआई ने जीडीपी दर माइनस 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।  

 

 

एनएसओ ने अपनी रिपोर्ट में कोरोना काल में राष्ट्रीय आय का पहला अनुमान जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में जीडीपी 134.50 लाख करोड़ रुपये की रहेगी, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 में यह आंकड़ा 145.66 लाख करोड़ रुपये रहा था।

 

 

भाजपा नेता व अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम स्वामी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में जीडीपी दर 2 प्रतिशत से भी कम रह सकती है। जबकि 1952 में देश की जीडीपी वृद्धि दर 2.6 फीसदी रही थी। 

 

 

कृषि क्षेत्र को छोड़ सभी क्षेत्रों में गिरावट

एनएसओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी और लॉकडाउन के दौरान कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 रहने का अनुमान है। जबकि उद्योग क्षेत्र में 10.3 और सेवा क्षेत्र में 9.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान है। माइनिंग सेक्टर में 12.4 की गिरावट आएगी। वहीं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 9.4 और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 12.6 फीसदी की गिरावट आएगी।

 

 

विश्व बैंक को 9.6 फीसदी गिरावट का अनुमान

भारत सरकार की एजेंसी एनएसओ के अनुमान से पहले विश्व बैंक ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में 9.6 फीसदी की गिरावट आएगी। अर्थव्यवस्था में आई गिरावट घरेलू खर्चों और निजी निवेश में भारी कमी को दर्शाती है। 

 

इससे पहले इंडिया रेटिंग्स ने दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के बीच अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर सुधार के कारण चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में गिरावट के अपने अनुमान को घटाकर 7.8 फीसदी कर दिया था। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने 11.8 फीसदी गिरावट का अनुमान जताया था। 

 

 

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