घट रही है आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या, क्या है कारण

न्यूज़ डेस्क : आयकर विभाग ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए 29 दिसंबर तक 4.54 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए गए हैं। इससे पिछले वित्त वर्ष में तुलनात्मक अवधि तक 4.77 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे। बिना विलंब शुल्क के वित्त वर्ष 2018-19 (आकलन वर्ष 2019-20) के लिए अंतिम तिथि तक 5.65 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे। पिछले साल आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख को 31 अगस्त 2019 तक बढ़ाया गया था। 

 

 

 

आयकर विभाग ने ट्वीट किया कि, ‘आकलन वर्ष 2020-21 के लिए 29 दिसंबर तक 4.54 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं।’ दाखिल किए गए आयकर रिटर्न में से 2.52 करोड़ करदाताओं ने आईटीआर-1 दाखिल किया है। पिछले साल 29 अगस्त 2019 तक यह आंकड़ा 2.77 करोड़ का रहा था। 29 दिसंबर तक एक करोड़ आईटीआर-4 दाखिल किए गए। वहीं 29 अगस्त 2019 तक 99.50 लाख आईटीआर-4 दाखिल किए गए। 

 

 

मालूम हो कि आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 है यानी इसके लिए अब सिर्फ दो दिन ही बचे हैं। आखिरी समय में जल्दबाजी में किसी गड़बड़ी से बचने के लिए सभी दस्तावेज जुटाकर आईटीआर दाखिल कर लेना ही बेहतर होगा।

 

 

व्यक्तिगत ITR दाखिल करने वालों की संख्या घटी

आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या घटी है जबकि कंपनियों और न्यासों द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न की संख्या में इजाफा हुआ है। 

आईटीआर-1 सहज फॉर्म को कोई भी सामान्य निवासी जिसकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है, अपनी व्यक्तिगत आय के बारे में जानकारी देते हुए भर सकता है। 

वहीं आईटीआर-4 सुगम फॉर्म को ऐसे निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म (एलएलपी को छोड़कर) द्वारा भरा जा सकता है जिनकी व्यवसाय और किसी पेशे से अनुमानित आय 50 लाख रुपये तक है। 

आईटीआर-3 और 6 व्यवसायियों के लिए है।

आईटीआर-2 आवासीय संपत्ति से आय प्राप्त करने वाले लोगों द्वारा भरा जाता है। 

आईटीआर-5 फॉर्म एलएलपी और एसोसिएशन ऑफ पर्सन के लिए है।

आईटीआर-7 उन लोगों के लिए है जिन्हें ट्रस्ट अथवा अन्य कानूनी दायित्वों के तहत रखी गई संपत्ति से आय प्राप्त होती है।

 

 

 

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