न्यूज़ डेस्क : कोविड-19 महामारी से पूंजी बाजार पर छाए जोखिम के कारण 2020 में सोना निवेशकों की पहली पसंद बना रहा। इस साल सोने पर करीब 28 फीसदी का बड़ा रिटर्न मिला, जो 2011 में आए 31.1 फीसदी के बाद सबसे ज्यादा है। सोने पर 15 वर्षों में औसत 14.1 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न मिला है।
विश्लेषकों के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में आई तेजी का असर घरेलू सराफा बाजार पर भी दिख रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस साल सोने के भाव 23 फीसदी से ज्यादा चढ़े हैं। इस कारण अगस्त में भारतीय बाजार में सोने के भाव रिकॉर्ड 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गए। हालांकि, तबसे इसमें 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है और अब तक कुल रिटर्न 27.7 फीसदी रहा।
इस दौरान चांदी ने भी अपना शीर्ष स्तर छुआ और कीमतें 77,840 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गईं। 2005 से अब तक सोने में निवेश से तीसरी बार इतनी कमाई हुई है और सिर्फ दो बार इसमें पैसे लगाने वालों को नुकसान उठाना पड़ा। 2013 में इसके दाम 18.7 फीसदी और 2015 में 519 फीसदी गिरे थे।
2021 में भी तेजी की उम्मीद
रेटिंग एजेंसी क्रेडिट सुइस का कहना है कि अगले साल जुलाई-सितंबर तिमाही तक सोने के भाव 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ सकते हैं। दिल्ली में बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल ने भी अनुमान जताया है कि एक-डेढ़ साल तक सोना अपने उच्चतम स्तर पर बना रहेगा। गोल्डमैन सॉक्स ने भी 2021 में सोेने के दाम बढ़ने की उम्मीद जताई और कहा कि बिटक्वाइन के प्रसार का इस पर खास असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, एक्सिस सिक्योरिटीज ने कोरोना वैक्सीन आने के बाद सोने में गिरावट का अनुमान लगाया है। निवेश फर्म का कहना है कि लोग अब शेयर व म्यूचुअल फंड जैसी जोखिम वाली संपत्तियों में दोबारा निवेश करने लगे हैं।
50 हजार के करीब पहुंचा सोना, चांदी 11 सौ रुपये महंगी
सोने की कीमतों में बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन भी तेजी आई और दिल्ली सराफा बाजार में दाम 385 रुपये बढ़कर 49,624 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गए। चांदी ने भी तेज छलांग लगाई और 1,102 रुपये की बढ़त के साथ 66,954 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिकी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज प्रमुख शोधकर्ता तपन पटेल का कहना है कि भारतीय मुद्रा के मुकाबले डॉलर में आई गिरावट का असर सोेने की कीमतों पर दिख रहा है।
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