न्यूज़ डेस्क : पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू भी ताल ठोंकेगी। पार्टी बंगाल की 75 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के इस फैसले से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जदयू के बंगाल प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी ने पार्टी के इस प्लान की जानकारी दी।
तीन साल से सक्रिय है जदयू
गुलाम रसूल बलियावी ने बताया कि जदयू आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पिछले तीन साल से पश्चिम बंगाल में काम कर रही है। अब पार्टी ने उन 75 सीटों का चयन कर लिया है, जिन पर वह अपने उम्मीदवार उतारेगी। बलियावी ने कहा, ‘बंगाल में चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में पार्टी ने 75 सीटों को चिन्हित किया है, जहां उम्मीदवार उतारे जाएंगे। अगर जरूरत पड़ती है और हालात अनुकूल होते हैं तो पार्टी अन्य सीटों पर भी उम्मीदवार उतार सकती है। हालांकि, इस पर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही लेंगे।’
इन इलाकों पर जदयू की नजर
बलियावी के मुताबिक, जदयू मान रही है कि सिलीगुड़ी, मुर्शिदाबाद, मालदा, दिनाजपुर, बांकुरा, मेदिनीपुर, 24 परगना और नंदीग्राम आदि जिलों में उसकी पकड़ मजबूत है। पार्टी बंगाल में भी शराबबंदी को मुख्य मुद्दा बनाएगी और जनता से इसी मुद्दे पर वोट मांगेगी। प्रचार के दौरान लोगों को बताया जाएगा कि शराबबंदी से बिहार को कैसे फायदा हुआ।
भाजपा से नहीं होगा गठबंधन
बंगाल चुनाव में जदयू की दावेदारी पर बलियावी ने साफ कर दिया है कि पार्टी वहां भाजपा से गठबंधन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा से हमारा गठबंधन सिर्फ बिहार में है। इससे पहले जदयू ने झारखंड, गुजरात और दिल्ली में भी चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा से गठबंधन नहीं किया था। इसी तरह बंगाल में हम अकेले ही ताल ठोंकेंगे।
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