न्यूज़ डेस्क : नए कृषि कानूनों के विरोध में ‘दिल्ली चलो’ मार्च को देखते हुए गुरुवार को दिनभर राजधानी की सभी सीमाओं पर पुलिस का भारी बंदोबस्त रहा। दिल्ली पुलिस के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की कई कंपनियों को लगभग सभी बॉर्डर पर तैनात किया गया। बॉर्डर सील होने की वजह से किसी भी वाहन चालक, यहां तक पैदल आने-जाने वाले लोगों को बिना जांच के दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया गया।
हालांकि, पंजाब से दिल्ली की ओर चले किसानों को हरियाणा में अलग-अलग जगहों रोक लिया गया, लेकिन इन किसानों के समर्थन में आसपास के कुछ किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचते रहे। उन्हें दिल्ली में नहीं घुसने दिया गया। सुरक्षा में चूक न हो, इसके लिए दिनभर दिल्ली पुलिस लगातार हरियाणा और यूपी पुलिस के संपर्क में रही। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव सिंघु बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने मीडिया के जरिये किसानों से वापस लौटने की अपील की।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना की वजह से राजधानी में किसी भी तरह के धरना-प्रदर्शन पर पाबंदी है। इसकी वजह से दिल्ली पुलिस आयुक्त ने किसानों से अपील की थी कि वह दिल्ली न आएं। बावजूद इसके, केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के 500 से अधिक किसान संगठनों ने 26 और 27 नवंबर को राजधानी कूच करने का आह्वान किया था। इसी को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने हरियाणा और यूपी की सीमा से सटे सभी बॉर्डरपर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। संयुक्त आयुक्त, पुलिस उपायुक्त यहां तक कुछ जगहों पर स्पेशल सीपी रैंक तक के अधिकारी बॉर्डर पर खड़े दिखाई दिए। बॉर्डर पर वाटर कैनन, आंसू गैस और लाठियों के साथ पुलिस बल मुस्तैद रहा।
सिंघु बॉर्डर, दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर, दिल्ली-फरीदाबाद बॉर्डर, कापसहेड़ा बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर, ढांसा बॉर्डर पर पुलिस ने थ्री लेयर सुरक्षा का इंतजाम किया। कालिंदी कुंज, मयूर विहार-चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, आनंद विहार, नोएडा-मयूर विहार बॉर्डर, सीमापुरी, भोपुरा, लोनी समेत दिल्ली के बाकी बॉर्डरों पर भी मजबूत इंतजाम रहे। अधिकारियों का कहना है कि शुक्रवार को भी यह इंतजाम जारी रहेंगे।
कुछ बॉर्डरों पर रही थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था
हरियाणा-दिल्ली की सीमा से सटे बॉर्डर पर पुलिस की खास निगाहें रही। यहां थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया। खासकर, सिंधु बॉर्डर पर बैरिकेड लगाने के साथ-साथ डिवाइडर वाले पत्थरों को दिल्ली आने वाली सड़क पर लगा दिया। इन पत्थरों पर कटीले लोहे के तारों को भी लगाया गया। यहां रुक-रुककर वाहनों को निकाला गया। बॉर्डर पर वाटर कैनन, आंसू गैस के साथ पुलिस चुस्त रही। ड्रोन उड़ाकर पूरे हालात पर नजर रखी जा रही थी। टीकरी बॉर्डर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, कापसहेड़ा, ढांसा बॉर्डर समेत कुछ अन्य जगहों की सुरक्षा व्यवस्था भी चुस्त रही।
जंतर-मंतर पर भी रहे खास इंतजाम
माना जा रहा था कि यदि किसान किसी तरह दिल्ली में प्रवेश कर जाते हैं तो वह जंतर-मंतर पहुंचकर प्रदर्शन का प्रयास करेंगे। इसको देखते हुए जंतर-मंतर पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। लोकल पुलिस के अलावा कई कंपनी संसद मार्ग थाने के बाहर डटी रही। कुछ किसान आप के पूर्व विधायक के साथ जंतर-मंतर पहुंच गए। पुलिस ने सभी को हिरासत में लिया। बाद में सभी को बसों से मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया।
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