न्यूज़ डेस्क : दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन बिना हिस्सेदारी खरीदे ही किशोर बियानी की फ्यूचर रिटेल पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है। कानूनविदों और विश्लेषकों का कहना है कि डेढ़ साल पुराने करार की मदद से अमेजन भारतीय खुदरा बाजार के सबसे बड़े अधिग्रहण को रोकना चाहती है।
कानूनविदों के मुताबिक, रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को अमेजन ने फिलहाल रुकवा भी दिया है। देखा जाए तो अमेजन ने सीधे तौर पर फ्यूचर रिटेल में कोई हिस्सेदारी नहीं खरीदी है, बल्कि किशोर बियानी की अगुवाई वाले फ्यूचर समूह की अनुषंगी कंपनी फ्यूचर कूपंस में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी।
हालांकि, कूपंस की फ्यूचर रिटेल में 9.82 फीसदी हिस्सेदारी है। एफडीआई नियमों के तहत ये हिस्सेदारी कूपंस के पास तभी तक रह सकती है, जब तक उसका स्वामित्व किसी भारतीय के पास है। बाजार जानकारों का कहना है कि अमेजन ने सेबी के एफडीआई नियमों का भी उल्लंघन किया है। अगर उसे फ्यूचर रिटेल पर स्वामित्व लेना है तो 26 फीसदी शेयर खरीदने होंगे, जबकि एफडीआई कानून के तहत फिलहाल वह एक भी शेयर खरीदने की स्थिति में नहीं है।
Comments are closed.