न्यूज़ डेस्क : गोरखपुर शहर में एक ऐसा मंदिर है जहां लोगों की बीमारियों का इलाज होता है वह भी धूप, मिट्टी, हवा और पानी जैसी प्राकृतिक चीजों से। चौंकिए मत, हम बात कर रहे हैं शहर के मेडिकल कॉलेज रोड पर आम बाजार में स्थित प्राकृतिक चिकित्सालय आरोग्य मंदिर की। इस चिकित्सालय की पहचान पूरे पूर्वांचल में है। विश्वस्तरीय प्राकृतिक चिकित्सा का यह ऐसा केंद्र है जहां बिना किसी दवा के ही मरीजों को कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है। देश ही नहीं बल्कि पूरे दुनिया से लोग यहां आकर अपना इलाज कराते हैं। अब तक एक लाख से ज्यादा मरीज यहां से स्वस्थ्य हो चुके हैं।
ये है कहानी आरोग्य मंदिर की स्थापना की
आरोग्य मंदिर के संस्थापक विट्ठल दास मोदी स्नातक की परीक्षा देते समय गंभीर रूप से अस्वस्थ हो गए थे। तीन साल तक उन्होंने एलोपैथ की दवा कराई लेकिन आराम नहीं मिला। अंतत: वह प्राकृतिक चिकित्सा से ठीक हुए। उसी समय उन्होंने प्रकृति के इस वरदान को घर-घर पहुंचाने का संकल्प ले लिया। संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए उन्होंने 1940 में सबसे पहले किराये के मकान में आरोग्य मंदिर की स्थापना की। 1962 में आरोग्य मंदिर का अपना भवन बना और तभी से यह प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र आम बाजार, मेडिकल कॉलेज रोड स्थित अपने भवन में संचालित हो रहा है।
छह एकड़ में फैला है आरोग्य मंदिर
प्राकृतिक वातावरण से सुसज्जित आरोग्य मंदिर कुल परिसर छह एकड़ में फैला हुआ है। अभी तक इस केंद्र से प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित 26 पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है। 1947 से यहां से मासिक पत्रिका आरोग्य का प्रकाशन किया जा रहा है। इसके पाठक देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। वर्तमान में हर माह इस पत्रिका की 10 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हैं।
इन बीमारियों का होता है इलाज
आरोग्य मंदिर में दमा, कब्जियत, मधुमेह, कोलाइटिस, अल्सर, अम्ल पित्त, ब्लडप्रेशर, अर्थराइटिस, एक्जिमा, मोटापा व एलर्जी आदि बीमारियों का इलाज होता है।
पिछले साल बना था एशियन रिकॉर्ड
आरोग्य मंदिर में वर्ष 2019 में 18 नवंबर को 508 लोगों ने एक साथ मिट्टी लेपन कर एशियन रिकॉर्ड बनाया था। इसके पहले यह रिकॉर्ड दिल्ली के नाम था।
गौरतलब है कि नेचुरोपैथी डे (18 नवंबर) के मौके पर आरोग्य मंदिर में 18 नवंबर से निशुल्क सर्वांग मिट्टी लेपन शुरू कर दिया गया है। पहले दिन एक दर्जन से अधिक शहरवासियों ने मिट्टी लेपन कराया। सुबह नौ से 11 बजे तक चले इस लेपन के जरिए त्वचा संबंधी रोगों से बचाव की जानकारी दी गई।
इस दौरान लोगों को प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने व आहार-विहार की जानकारी भी दी गई। आरोग्य मंदिर के निदेशक डॉ. विमल मोदी व डॉ. राहुल मोदी ने बताया कि आरोग्य मंदिर में मिट्टी, हवा और पानी से इलाज किया जाता है। यहां पर देश और विदेश से लोग इलाज के लिए आते हैं। मिट्टी लेपन से रोग निवारक वैक्टीरिया बढ़ते हैं और रोग कारक वैक्टीरिया नष्ट होते हैं। तनाव, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, घबराहट बेचैनी, जोड़ों के दर्द व चर्म रोगों के लिए यह रामबाण इलाज है। इससे नाड़ी तंत्र मजबूत होता है। मिट्टी लेपन विशेषज्ञों की निगरानी में होता है। इच्छुक लोगों को अपने साथ नहाने के बाद पहनने के लिए एक कपड़ा और तौलिया लाना होगा।
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