न्यूज़ डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीसरे सालाना ब्लूमबर्ग न्यू इकनॉमी फोरम में कोरोना वायरस महामारी के बाद दोबारा शुरुआत को लेकर बात की। उन्होंने कहा कि सामुदायक कार्यक्रम, खेल गतिविधियां, शिक्षा और मनोरंजन अब पहले जैसे नहीं रह गए हैं। पूरी दूनिया के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि दोबारा शुरुआत कैसे की जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोबारा शुरुआत बिना ‘रीसेट’ के संभव नहीं होगी। यह मानसिकता, प्रक्रियाओं और प्रथाओं का एक रीसेट होगा।
मोदी ने कहा, मुझे लगता है कि दो विश्व युद्धों के बाद ऐतिहासिक पुनर्निर्माण के प्रयास हमें कई सबक दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व युद्धों के बाद पूरी दुनिया ने एक नई विश्व व्यवस्था पर काम किया था और खुद में परिवर्तन किया था। कोविड-19 वैश्विक महामारी ने हमें हर क्षेत्र के लिए नए प्रोटोकॉल विकसित करने का वैसा ही एक अवसर दिया है। अगर हम भविष्य के लिए एक लचीली प्रणाली विकसित करना चाहते हैं तो विश्व को इस अवसर को पकड़ने से चूकना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कई शहरों में झीलें, नदियां और हवा पहले से ज्यादा साफ देखी गई। हममें से कई लोगों ने चिड़ियों की चहचहाहट सुनी जो पहले नहीं सुनी जा पाती थी। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम ऐसे स्थायी शहरों का निर्माण नहीं कर सकते हैं, जहां ऐसी सुविधाएं एक अपवाद की तरह न हों? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में हमारा प्रयास रहा है कि हम ऐसे शहरी केंद्र तैयार करें जहां शहरों की सुविधाएं भी हों और जहां गांव की आत्मा भी बसी हो।
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