न्यूज़ डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने वियतनामी समकक्ष ग्यूयेन तन जूंग के साथ 17वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की। वर्चुअल सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान की रणनीतिक भागीदारी हमारी साझा ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित है।
मोदी ने कहा कि आसियान हमेशा हमारी ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मूल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल और आसियान के हिंद-प्रशांत पर दृष्टिकोण के बीच कई सारी समानताएं हैं। ऑनलाइन माध्यम से हो रहे इस शिखर सम्मेलन में सभी 10 आशियान सदस्य देशों के नेता भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और आसियान के बीच भौतिक, आर्थिक, सामाजिक, डिजिटल, वित्तीय और समुद्री संबंधों को मजबूत करना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। पिछले कुछ सालों में इन क्षेत्रों में हम करीब आए हैं और यह सम्मेलन दूरियों को और कम करने का काम करेगा।
सिंगापुर ने किया कोविड-19 वैक्सीन की किफायती आपूर्ति का आह्वान
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने कोविड-19 महामारी को 2020 की निर्णायक चुनौती बताते हुए गुरुवार को कहा कि टीका उपलब्ध होने पर आसियान देशों को अपने लोगों तक इसकी निर्बाध, तेजी से और किफायती स्तर पर पहुंच सुनिश्चित करनी होगी।
आसियान के डिजिटल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए ली ने प्रत्येक व्यक्ति तक टीका की पहुंच का आह्वान किया और महामारी के दूरगामी असर को कम करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर कोविड-19 टीका को लेकर वैश्विक पहल का समर्थन करता है
बता दें कि एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (आसियान) के साल में दो बार होने वाले सम्मेलन में इस साल वियतनाम अध्यक्ष है। उम्मीद की जा रही है कि इस सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर विवाद, कोरोना वायरस महामारी और कारोबार सहित विभिन्न मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस सम्मेलन में कंबोडिया का प्रतिनिधित्व वहां के उप प्रधानमंत्री ने किया। प्रधानमंत्री हुन सेन कोरोना वायरस से संक्रमित एक मंत्री के संपर्क में आने की वजह से पृथकवास में हैं। हुन सेन कंबोडिया के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले शख्स हैं।
क्या है आसियान
आसियान (ASEAN या Association of Southeast Asian Nations) दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का एक संगठन है। इसकी स्थापना एशिया-प्रशांत के औपनिवेशिक देशों को बीच बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को बढ़ावा देने किए की गई थी। आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
आसियान के सदस्यों में इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलिपीन, वियतनाम, म्यांमा, कंबोडिया, ब्रूनेई और लाओस है। विवादित दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक रवैये के बीच इस शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ है। दक्षिण चीन सागर में आसियान के कई देशों के साथ चीन का विवाद चल रहा है।
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