तेजस्वी यादव के “गरीब सीना तान के बाबू साहब के सामने चला करते थे” वाले बयान पर बिहार में राजनीति गरमाई

न्यूज़ डेस्क : बिहार में चुनाव प्रचार जोर-शोर से जारी है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव एक दिन में दर्जनभर रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। सोमवार को तेजस्वी ने रोहतास जिले के डिहरी विधानसभा में एक ऐसा बयान दे दिया जिसे लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है। उनके बयान को लेकर सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने उन्हें घेरा है। साथ ही उनपर ध्रुवीकरण करके वोट लेने का आरोप लगाया है।

 

 

दरअसल, डिहरी विधानसभा की सभा में तेजस्वी यादव ने कहा कि जब लालू यादव का राज था, तब गरीब सीना तान के बाबू साहब के सामने चला करते थे। राज्य में जब हमारी सरकार आएगी तो हम सब लोगों को साथ लेकर चलेंगे। जो अपराध करेगा उसे सजा दी जाएगा, जो कर्मचारी काम करेंगे उन्हें सम्मान दिया जाएगा।

 

तेजस्वी ने इस दौरान सिस्टम को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने पर हर किसी को मौका दिया जाएगा। सभी को बराबर मौके मिलने चाहिए। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश अब हेलिकॉप्टर में उड़ रहे हैं लेकिन जब मजदूरों को बुलाना था तो उन्होंने हेलिकॉप्टर नहीं उड़ाया।

 

 

जदयू ने राजद पर लगया ध्रुवीकरण का आरोप

तेजस्वी के बाबू साहब वाले बयान पर जदयू ने राजद नेता को घेरते हुए उसपर ध्रुवीकरण करके वोट लेने का आरोप लगाया है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा, ‘राजद ने रघुवंश प्रसाद का भी अपमान किया था। तेजस्वी लालू की तरह समाज को बांट रहे हैं। बाबू साहब के जरिए उन्होंने ठाकुरों को लेकर बयान दिया है। उन्हें लेकर उनकी सोच जगजाहिर है। रघुवंश प्रसाद को अपने जीवन के अंत में यंत्रणा के जरिए मौत की गोद में सोने के लिए विवश किया गया। उनके मरने के बाद भी उनके खिलाफ उनकी पार्टी के नेताओं ने बात की। दूसरी तरफ दलितों और अति पिछड़ी जातियों से उनका फासला बढ़ा है। उन्हें लालू, राबड़ी और इनके 18 महीने के कार्यकाल में आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया।’

 

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