कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ‘सबसे बड़े गद्दार’ : ज्योतिरादित्य सिंधिया

न्यूज़ डेस्क : कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पूर्व के राजनीतिक साथियों पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को सिंधिया ने अब राज्य में ‘सबसे बड़ा गद्दार’ करार दिया है। सिंधिया ने सोमवार को कहा कि उन्होंने भ्रष्ट सरकार चलाकर मतदाताओं के भरोसे के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस तब छोड़नी पड़ी जब हर संभव प्रयास करने के बाद भी लोगों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

 

 

इसके साथ ही सिंधिया ने भरोसा जताया कि राज्य में होने वाले उपचुनाव में भाजपा अगर सभी 28 सीटें नहीं तो भी अधिकतम सीटों पर जीत दर्ज करेगी। समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में सिंधिया ने कहा कि जिन 28 सीटों पर चुनाव होना है उनमें 27 कांग्रेस की थीं, इसलिए भाजपा के पास हासिल करने के लिए सबकुछ है और कांग्रेस के पास खोने के सबकुछ दांव पर लगा है। 

 

बता दें कि राज्य के इतिहास में पहली बार 28 विधानसभा सीटों पर एक साथ उपचुनाव होने जा रहे हैं। तीन नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव से यह तय होगा कि प्रदेश की सत्ता में सत्तारूढ़ भाजपा रहेगी या विपक्षी कांग्रेस। मतगणना 10 नवंबर को होगी। जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 25 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से खाली हुई हैं, जबकि दो सीटें कांग्रेस विधायकों के निधन से और एक सीट भाजपा विधायक के निधन से रिक्त हुई है।

 

उल्लेखनीय है कि इस साल मार्च में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायकों ने त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसकी वजह से प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके कारण कमलनाथ ने 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। इसके बाद कांग्रेस के तीन अन्य विधायक भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे।

 

 

‘राज्य की जनता को कांग्रेस से कोई उम्मीद नहीं’

सिंधिया ने कहा, ‘कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए सोचने के लिए भी 28 में से 28 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी और उन्होंने हाल ही में एक और विधायक (राहुल लोधी) खो दिया है, जो भाजपा में शामिल हो गए हैं। यह पूरी तरह से साफ है कि लोगों को कांग्रेस पार्टी से कोई उम्मीद नहीं है। मुझे नहीं लगता कि किसी अन्य राज्य में इतनी बड़ी संख्या में आपने विधायकों को, करीब 30 फीसदी, पार्टी छोड़ते हुए देखा गया होगा। इससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी में लोगों का भरोसा नहीं है।’

 

बता दें कि प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 88, चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा का विधायक है। भाजपा को बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र नौ सीटों पर जीत दर्ज करने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को इसके लिए सभी 28 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी। ऐसे में संख्या के आधार पर यह उपचुनाव कांग्रेस से ज्यादा आसान भाजपा के लिए दिखाई देता है। 

 

कांग्रेस द्वारा चुनाव प्रचार में पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें गद्दार कहे जाने के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि यह ऐसा शब्द है जिसका मैं राजनीति में सामान्य तौर पर इस्तेमाल नहीं करता हूं। सिंधिया ने कहा कि राजनीति में एक निश्चित स्तर होता है और उसका पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर वे इस शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं तो मध्यप्रदेश में सबसे बड़े गद्दार कमलनाथ और दिग्विजय सिंह है जिन्होंने साढ़े सात करोड़ लोगों के साथ गद्दारी की है।’ 

 

वहीं, भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी को लेकर कमलनाथ की ‘आइटम’ वाली टिप्पणी पर सिंधिया ने कहा कि नेताओं को नैतिकता का पालन करना चाहिए और उदाहरण पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी एक महिला पर थी जो जमीनी स्तर से उठकर आई है, जिसने सरपंच तका चुनाव लड़ा है, तीन बार विधायक बनी है और कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री थी। कमलनाथ कहते हैं कि उन्हें उनका (इमरती देवी का) नाम याद नहीं, यह उनके दंभ को दर्शाता है।

 

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