न्यूज़ डेस्क : पंजाब विधानसभा में मंगलवार को पारित चार बिलों के विभिन्न उपबंधों में यह प्रावधान भी किया गया है कि कृषि करार के अंतर्गत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर धान या गेहूं खरीदने पर न्यूनतम तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा, किसानों को 2.5 एकड़ तक की जमीन की कुर्की से छूट दी गई है और कृषि उत्पादों की जमाखोरी व काला बाजारी से छुटकारा पाने की व्यवस्था भी की गई है।
पहला बिल
‘किसानों के (सशक्तिकरण और सुरक्षा) कीमत के भरोसे संबंधी करार और कृषि सेवाओं (विशेष उपबंध और पंजाब संशोधन) बिल, 2020 में एमएसपी से कम कीमत पर उपज बेचने/खरीदने पर सजा का उपबंध किया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में पेश चार विधेयकों में से एक बिल के अंतर्गत एमएसपी से कम कीमत पर उपज की बिक्री/खरीद नहीं की जा सकेगी और इसका उल्लंघन करने पर उपरोक्त सजा और जुर्माना भुगतना पड़ेगा। यह बिल केंद्र सरकार के ‘किसानों के (सशक्तिकरण और सुरक्षा) कीमत के भरोसे संबंधी करार और कृषि सेवाएं एक्ट, 2020 की धारा 1(2), 19 और 20 में संशोधन करता है। इसमें नयी धाराओं 4, 6 से 11 को शामिल करने का प्रस्ताव भी दिया गया है।
दूसरा बिल
इसी तरह किसान फसल, व्यापार और वाणिज्य (प्रोत्साहित करने और आसान बनाने) (विशेष व्यवस्थाएं और पंजाब संशोधन) बिल, 2020 के अंतर्गत किसान फसल, व्यापार और वाणिज्य (प्रोत्साहित करने और आसान बनाने) एक्ट, 2020 की धारा 1(2), 14 और 15 में संशोधन को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य में गेहूं या धान की फसल की बिक्री या खरीद एमएसपी से कम कीमत न होने को सुनिश्चित बनाया जा सके। संशोधित विधेयक में नयी धारा 6 से 11 शामिल करके किसानों को तंग-परेशान करने या किसानों को कम कीमत की अदायगी करने पर सजा देने का भी प्रावधान किया गया है।
तीसरा बिल
इसी दौरान, उपभोक्ताओं को कृषि उपज की जमाखोरी और काला-बाजारी से बचाने के लिए और किसानों और कृषि मजदूरों के साथ-साथ कृषि धंधों के साथ जुड़ी गतिविधियों में शामिल अन्य की रोजी-रोटी और हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा जरूरी वस्तुएं ( विशेष व्यवस्थाएं और पंजाब संशोधन) बिल, 2020 भी सदन द्वारा सर्वसमति से पारित किया गया।
यह बिल, जरूरी वस्तुए एक्ट, 1955 की धारा 1(2) और 3(1ए) में संशोधन कर केंद्र के जरूरी वस्तुए (संशोधन) एक्ट, 2020 में संशोधन करता है। यह बिल जरूरी वस्तुएं (संशोधन) एक्ट, 2020 नामी केंद्रीय एक्ट के लागू करने संबंधी 4 जून, 2020 को पहले जैसी स्थिति बहाल करने की मांग करता है।
चौथा बिल
मुख्यमंत्री द्वारा पेश किया गया चौथा बिल, किसानों को 2.5 एकड़ से कम जमीन की कुर्की से राहत प्रदान करता है। कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर (पंजाब संशोधन) बिल, 2020, कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर 1908 की धारा 60 में 2.5 एकड़ से कम की कृषि वाली जमीन को छूट देने की व्यवस्था शामिल करता है।
कोड ऑफ सिविल प्रोसीजर 1908 की धारा में विभिन्न चल और अचल जायदादों की कुर्की/फरमान की व्यवस्था है। इस नए संशोधन के अंतर्गत पशु, यंत्र, पशुओं के बाड़े आदि किस्मों की जायदादें कुर्की से मुक्त होंगी। परंतु अभी तक कृषि वाली जमीन की कुर्की की जा सकती है। कृषि के ठेकों को लागू करने के नतीजे के तौर पर या अपनी जमीन की कुर्की / फरमान संबंधी किसानों के अंदेशे के मद्देनजर, राज्य सरकार इस विधेयक द्वारा छोटे किसानों और अन्य को 2.5 एकड़ तक की जमीन की कुर्की या फरमान से पूरी छूट देने की व्यवस्था की गई है।
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