न्यूज़ डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना काल में सातवीं बार देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके टीके के विकास को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही उन्होंने लोगों से अभी आने वाले समय में और भी सावधानियां बरतने की अपील की। बता दें कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से अमेरिका के बाद भारत दुनिया में दूसरा सबसे प्रभावित देश है। वहीं, त्योहारों का मौसम शुरू होने के साथ संक्रमण का खतरा भी और बढ़ गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर आईसीएमआर तक ने इसे लेकर चिंता जताई है। आइए जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम भारतवासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है।
समय के साथ आर्थिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। हम में से अधिकांश लोग, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, फिर से जीवन को गति देने के लिए, रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं। त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है।
लेकिन हमें ये भूलना नहीं है कि लॉकडाउन भले चला गया हो, वायरस नहीं गया है। बीते 7-8 महीनों में, प्रत्येक भारतीय के प्रयास से, भारत आज जिस संभली हुई स्थिति में हैं, हमें उसे बिगड़ने नहीं देना है।
आज देश में रिकवरी रेट अच्छी है, फैटेलिटी रेट कम है। दुनिया के साधन-संपन्न देशों की तुलना में भारत अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल हो रहा है। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में टेस्ट की बढ़ती संख्या हमारी एक बड़ी ताकत रही है।
सेवा परमो धर्म: के मंत्र पर चलते हुए हमारे डॉक्टर, नर्स, हेल्थ वर्कर इतनी बड़ी आबादी की निस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। इन सभी प्रयासों के बीच, ये समय लापरवाह होने का नहीं है। ये समय ये मान लेने का नहीं है कि कोरोना चला गया, या फिर अब कोरोना से कोई खतरा नहीं है।
हाल के दिनों में हम सबने बहुत सी तस्वीरें, वीडियो देखे हैं जिनमें साफ दिखता है कि कई लोगों ने अब सावधानी बरतना बंद कर दिया है। ये ठीक नहीं है।
अगर आप लापरवाही बरत रहे हैं, बिना मास्क के बाहर निकल रहे हैं, तो आप अपने आप को, अपने परिवार को, अपने परिवार के बच्चों को, बुजुर्गों को उतने ही बड़े संकट में डाल रहे हैं।
आप ध्यान रखिए, आज अमेरिका हो, या फिर यूरोप के दूसरे देश, इन देशों में कोरोना के मामले कम हो रहे थे, लेकिन अचानक से फिर बढ़ने लगे।
जब तक सफलता पूरी न मिल जाए, लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जब तक इस महामारी की वैक्सीन नहीं आ जाती, हमें कोरोना से अपनी लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना है।
बरसों बाद हम ऐसा होता देख रहे हैं कि मानवता को बचाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। अनेक देश इसके लिए काम कर रहे हैं। हमारे देश के वैज्ञानिक भी वैक्सीन के लिए जी-जान से जुटे हैं। भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन्स पर काम चल रहा है। इनमें से कुछ एडवान्स स्टेज पर हैं।
कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे इसके लिए भी सरकार की तैयारी जारी है। एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है।
याद रखिए, जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।
एक कठिन समय से निकलकर हम आगे बढ़ रहे हैं, थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है, हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है। जीवन की ज़िम्मेदारियों को निभाना और सतर्कता ये दोनों साथ-साथ चलेंगे तभी जीवन में खुशियां बनी रहेंगी।
दो गज की दूरी, समय-समय पर साबुन से हाथ धुलना और मास्क का ध्यान रखिए।
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