न्यूज़ डेस्क : दो साल पहले अपने पहले बच्चे के जन्म के बाद गाजियाबाद में रहने वाली 29 साल की पूजा तिवारी ने एक्सपोर्ट-इंपोर्ट मैनेजमेंट के ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया। चूंकि बच्चे की देखभाल के लिए उनकी मां आ गई थीं, इसलिए पूजा ने नोएडा की एक कंपनी में नौकरी कर ली। काम अच्छा चल रहा था, लेकिन कोविड-19 के कारण कामकाज ठप हुआ, तो कंपनी ने अपना कारोबार समेट लिया। ऐसे में पूजा ने घर में नौवीं और 10 वीं के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। वह जानना चाहती हैं कि ट्यूशन से वह जो कमा रही हैं, क्या उस पर आयकर देना पड़ेगा। जब आप अपना कोई काम करते हैं, तो फ्रीलांसर के तौर पर काम करते हैं और आयकर कानून उसी के अनुरूप लागू होता है।
अगर आप फ्रीलांसर हैं, तो आपको टैक्स देना पड़ेगा, क्योंकि आपकी आय ‘प्रॉफिट्स ऐंड गेन्स ऑफ बिजनेस ऑर प्रोफेशन’ के दायरे में आती है। एक फ्रीलांसर को अपने काम के जरिये जो पैसे मिलते हैं, वह आय है। यह आय घरेलू स्रोत से हो रही है या अंतरराष्ट्रीय स्रोत से, यह मायने नहीं रखता। अगर आपको अपने काम के बदले नकद पैसा मिल रहा है, तो आपको सलाह यही है कि इसका बैंक रिकॉर्ड रखें। फ्रीलांसिंग से होने वाली सालाना 2.5 लाख रुपये की आय आयकर के दायरे में आती है।
आयकर को समझना
एक फ्रीलांसर के तौर पर आपकी कर योग्य आय की गणना कुल करयोग्य आय से खर्च घटाने के बाद की जाती है। यानी कुल आय-खर्च=कुल कर योग्य आय। एक बार जब आप इस दायरे में आ जाते हैं, तब आपके लिए यह आकलन करना बहुत आसान हो जाता है कि आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं और आपकी आयकर देनदारी कितनी है। एक फ्रीलांसर के रूप में आप अपनी कुल आय में से कई खर्च घटा सकते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में यह ध्यान रखें कि घटाया जाने वाला खर्च किए गए किसी खास काम से आनुपातिक रूप से सीधे जुड़ा हुआ हो। जैसे कि ट्यूशन क्लास लेते हुए आप इंटरनेट का सहारा लेते हैं, तो इंटरनेट कनेक्शन पर खर्च की गई राशि को कुल आय से घटा सकते हैं। लेकिन आप हर छात्र से मिली राशि पर इंटरनेट का खर्च नहीं घटा सकते। ऐसे ही, ट्यूशन से होने वाली कुल आय आय से आप लैपटॉप खरीदने का खर्च या जो कपड़े आप पहनकर ट्यूशन पढ़ाते हैं, उसका खर्च नहीं घटा सकते।
जो खर्च घटाए जा सकते हैं
आप इनमें उन खर्चों को शामिल कर सकते हैं, जो फ्रीलांसर के तौर पर आपको मिला काम पूरा करने के लिए जरूरी हो। हालांकि आपके पास इन खर्चों की रसीद या सबूत होने चाहिए।
* काम से जुड़ी मीटिंग के लिए आने-जाने का खर्च।
* ऑफिस में इस्तेमाल की गई चीजों, स्टेशनरी, फोन, इंटरनेट आदि का खर्च।
* लैपटॉप, कैमरा और दूसरे उपकरणों के अवमूल्यन की लागत।
* फ्रीलांस के काम के लिए इस्तेमाल हुए उपकरणों का किराया।
* ऑफिस का किराया।
* उपकरणों की मरम्मत का खर्च।
* फ्रीलांस कंसल्टेंट को किया गया भुगतान।
* काम पूरा करने के लिए लंच और रहने आदि का खर्च।
पूजा के लिए सुझाव
टैक्स देनदारी से बचने के लिए हो सकता है कि आप ट्यूशन से मिली रकम का रिकॉर्ड न रखने का फैसला लें। लेकिन यह भविष्य में आपके लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। चूंकि आपको फॉर्म 16 नहीं मिलेगा, ऐसे में, आयकर रिटर्न दाखिल करना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आयकर रिटर्न दाखिल करने से आप भविष्य में बैंक से कर्ज ले सकती हैं, वीजा के लिए आवेदन कर सकती हैं और उच्च सुरक्षा कवर वाली जीवन बीमा पॉलिसियां खरीद सकती हैं। वैसे में, बतौर ट्यूशन टीचर आप अपने फ्रीलांस के काम में आयकर कानून 80 सी और 80 डी के तहत टैक्स कटौती का भी दावा कर सकती हैं।
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