क्यों कराया जा रहा है ग्रामीण भारत के आवासीय जमीनों का ड्रोन के जरिए मैपिंग, जानिए क्या है स्वामित्व योजना

 न्यूज़ डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वामित्व योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत ग्रामीण भारत में आवासीय जमीनों को ड्रोन के जरिए मैप कराया जाएगा। इससे गांवों में संपत्ति के स्वामित्व को लेकर स्पष्टता आएगी तो लोग इन्हें गिरवी रखकर लोन भी ले सकेंगे। भारत की दो तिहाई आबादी गांवों में रहती है जहां अधिकतर लैंड रिकॉर्ड्स ठीक नहीं हैं तो प्रॉपर्टी को लेकर विवाद भी आम बात है।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्वामित्व योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संपत्ति कार्डों का रविवार को वितरण शुरू किया और कहा कि यह ग्रामीण भारत को बदलने वाला ‘ऐतिहासिक कदम’ है। मोदी ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण अपनी जमीन और संपत्ति को वित्तीय पूंजी के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे, जिसके एवज में वे बैंकों से कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों में भूस्वामित्व को लेकर विवाद समाप्त होगा।

 

सरकार ड्रोन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करते हुए जमीनों को मैप करेगी और अगले चार साल में 6 लाख 20 हजार गांवों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। इस महीने 750 गांवों के 1 लाख लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड मिलेगा। हर कार्ड में आधार कार्ड की तरह एक यूनीक नंबर होगा।

 

 

मोदी ने स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत तकनीक के साथ गांवों का सर्वेक्षण और मानचित्रण) योजना के कई लाभार्थियों से बातचीत की और कहा कि यह देश को ‘आत्मनिर्भर बनाने’ की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने स्वामित्व योजना की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, ”दुनियाभर के विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि संपत्ति स्वामित्व अधिकार देश के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।”

 

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