न्यूज़ डेस्क : सरकार की तरफ से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) में तीन सदस्यों की नियुक्ति के साथ ही रिजर्व बैंक ने मंगलवार को कहा कि समिति की अगली बैठक सात अक्तूबर से शुरू होगी। रिजर्व बैंक ने 28 सितंबर को एमपीसी की बैठक को आगे के लिए टाल दिया था। समिति में स्वतंत्र सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण बैठक को आगे टालना पड़ा।
रिजर्व बैंक ने मंगलवार को जारी वक्तव्य में कहा कि, ‘मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक सात से नौ अक्तूबर 2020 को तय की गई है।’ सरकार ने एमपीसी में तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। तीन जाने माने अर्थशास्त्रियों अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिड़े को एमपीसी का सदस्य नियुक्त किया गया है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने नामों को मंजूरी दी है।
गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, अशिमा गोयल इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में प्रोफेसर हैं, जयंत आर वर्मा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं और वरिष्ठ सलाहकार शशांक भिड़े नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, दिल्ली के सदस्य हैं।
एमपीसी की बैठक हर दो महीने में होती है। MPC रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट जैसे गंभीर मुद्दों पर फैसला लेती है। रिजर्व बैंक की एमपीसी में छह सदस्य होते हैं। इन छह सदस्यों में रिजर्व बैंक का गवर्नर भी शामिल होता है। आरबीआई एक्ट के अनुसार, एमपीसी में बाहरी सदस्यों का कार्यकाल चार साल का होता है। एमपीसी अक्तूबर 2016 में बनी थी।
इन सदस्यों के स्थान पर हुई नियुक्ति
इन सदस्यों की नियुक्ति चेतन घाटे, पामी दुआ, रविन्द्र ढोलकिया के स्थान पर की गई है। इनका कार्यकाल 30 सितंबर 2020 को खत्म हो रहा है। इनकी नियुक्ति एमपीसी में 29 सितंबर 2016 को चार साल के लिए की गई थी।
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