वाहनों का इश्योरेंस, पॉलिसी लेने से पहले रखे इन जरुरी बातों का ध्यान

न्यूज़ डेस्क : आजकल वाहनों का इश्योरेंस बेहद महंगा हो गया है। 10 लाख तक की गाड़ी का इश्योरेंस 30 हजार से 45 हजार रुपये के आसपास पड़ता है। वहीं 4-मीटर से छोटी कार के लिए कम इंश्योरेंस चुकाना पड़ता है, जबकि 4-मीटर से लंबी गाड़ी के लिए इंश्योरेंस 45 हजार रुपये तक पहुंच जाता है। लेकिन इंश्योरेंस को अनदेखा भी नहीं कर सकते हैं। इसका यह मतलब भी नहीं कि इंश्योरेंस के नाम पर कुछ भी खरीद लें, जिसका कोई फायदा भी न मिले। 

 

 

बुनियादी तौर पर कार बीमा पॉलिसी कार मालिक को चोरी या कार को हुए नुकसान को कवर करती हैं। हादसे में कार को होने वाले नुकसान के साथ ही कार चालक तथा कार में बैठे लोगों को आई चोटों को भी कार बीमा पॉलिसी कवर करती हैं। देश में ज्यादा सड़क हादसों के चलते कारों को बहुत नुकसान होता है। ऐसे में कार का इंश्योरेंस कराते समय आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं उनके बारे में।

 

 

अलग-अलग बीमा कंपनियों की तुलना

वाहन का बीमा कराने से पहले आपको अलग-अलग बीमा कंपनियों की तुलना कर लेनी चाहिए। इसके लिए ऑनलाइन तरीका अपनाएंगे, तो यह और भी आसान हो जाएगा। डीलर की ओर से दिए जा रहे बीमा को जरूर क्रॉस चेक कर लें। ऐसा इसलिए क्योंकि डीलर अपने कमीशन के आधार पर आपको बीमा पॉलिसी देते हैं।

 

कवरेज

कार बीमा पॉलिसी के दो मुख्य पहलू हैं, थर्ड पार्टी और पैकेज पॉलिसी। कानून के अनुसार, कार चलाते समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य है, हालांकि कॉम्प्रिहेन्सिव (व्यापक) पॉलिसी सहित यह एक विकल्प है कि आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में आपकी कार को हुए नुकसान का कोई हर्जाना नहीं मिलता। मगर किसी अन्य वाहन या संपत्ति को हुए नुकसान को यह पॉलिसी कवर करती है।

 

कॉम्प्रिहेन्सिव इंश्योरेंस कवर बीमा की एक विस्तृत श्रेणी है, जिसमें हादसे में कार को हुए नुकसान या कार चोरी के जोखिम को कवर किया जाता है। पर  यह पॉलिसी कलपुर्जों में नियमित तौर पर आने वाली खराबियों को कवर नहीं करती। मसलन, कार की बैटरी और टायर, जिनमें इस्तेमाल करने के साथ क्षरण होता है, आमतौर पर व्यापक कार पॉलिसी में इन्हें कवर नहीं किया जाता।

 

अपवाद

इंश्योरेंस लेने से पहले ये जान लें कि उसमें क्या कवर हो रहा है और क्या नहीं ताकि आपको पता हो कि वो पॉलिसी आपके लिए कितनी लाभदायक है। यह ग्राहकों का हक भी है और कर्तव्य भी।

 

एड-ऑन या टॉप अप सुविधा 

पॉलिसी के तहत आप अतिरिक्त प्रीमियम देकर एड-ऑन की सुविधा ले सकते हैं। उदाहरण- अगर आप बाढ़ प्रभावित इलाके में रहते हैं, तो आप इंजन प्रोटेक्ट जैसे एड-ऑन कवर ले सकते हैं। 

 

नो क्लेम बोनस

बीमा क्लेम न करने के लिए रिन्यू के समय डिस्काउंट के रूप में जो राशि मिलती है, वो नो क्लेम बोनस होता है। नो क्लेम बोनस प्रीमियम का 20 से 50 फीसदी तक हो सकता है। नई कार खरीदने पर पुरानी कार का नो क्लेम बोनस ट्रांसफर किया जा सकता है।

 

क्लेम में आसानी

मौजूदा समय में बीमा क्लेम की सुविधा आसान हो गई है। कई कंपनियों द्वारा होम डिलीवरी भी की जा रही है। इसलिए बीमा कराते समय ये देख लें कि कंपनी आपको ये अतिरिक्त सुविधाएं दे रही हैं या नहीं। 

 

कंपनी का नेटवर्क

सभी पॉलिसीधारकों के लिए यह जानना आवश्यक है कि वो जिस बी कंपनी से बीमा करा रहे हैं, उस कंपनी की उनके शहर में कितनी उपस्थिति है। इससे क्लेम के समय आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

 

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