न्यूज़ डेस्क : कई दिनों तक चली सियासी उठापटक के बाद मंगलवार शाम को आखिरकार भाजपा-जदयू के बीच सीट बंटवारे का औपचारिक एलान हो गया। भाजपा-जदयू की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह तय हो गया है कि जदयू 122 और भाजपा 121 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। वहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों के गठबंधन में पहले ही बातचीत हो गई थी, बस एलान बाकी था।
इसी बीच नीतीश कुमार से जब लोजपा प्रमुख चिराग पासवान की ओर से किए जा रहे हमले को लेकर सवाल पूछा गया तो नीतीश कुमार ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि ‘रामविलास पासवान राज्यसभा पहुंचे हैं वो बिना जेडीयू की मदद के हुआ है क्या?’
नीतीश कुमार ने कहा कि ‘रामविलास पासवान अस्वस्थ हैं। हम चाहते हैं कि वह ठीक हो जाए। क्या वह जदयू की मदद के बिना राज्यसभा पहुंचे? बिहार विधानसभा में उनके पास कितनी सीटें हैं? दो। लिहाजा, भाजपा-जदयू ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया। हमें जो करना है हम करेंगे, चाहे कोई कुछ भी कहे?’
एनडीए के बीच सीटों का बंटवारा
नीतीश कुमार ने बताया कि जदयू 122 सीटों पर उतरेगी, उसी के अंतर्गत जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ को सात सीटें दी गई हैं। भाजपा को 121 सीटें दी गई हैं, उसी में से वीआईपी को सीटें दी जाएंंगी। भाजपा की वीआईपी से बातचीत चल रही है। कौन सी पार्टी किस सीट से प्रत्याशी उतारेंगे इसका विवरण भी तैयार है।
नीतीश ने अपने और लालू के 15 साल का दिया उदाहरण
नीतीश कुमार ने कहा कि सबको मालूम है कि हमलोग अगर 15 साल से काम कर रहे हैं और उसके पहले जिन लोगों को 15 साल काम करने का मौका मिला उसकी तुलना कर सकते हैं। पहले के 15 साल में आर्थिक स्थिति क्या थी, क्या कानून के हाल थे, कितने बड़े पैमाने पर हत्याएं होती थीं, सामूहिक नरसंहार जैसी घटनाएं होती थीं। कितने दंगे होते थे, सारी बातें सबको मालूम है।
कहीं कोई सड़क था। कहां स्कूल, कॉलेज चलते थे। यूनिवर्सिटी में शिक्षकों को कब सैलरी मिलती थी। हम लोगों ने किस तरह से काम किया यह सबको पता है। कोरोना ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। हमने बिहार में कितना काम किया है, यह सबके सामने है। जहां तक जांच का सवाल है तो हम राष्ट्रीय औसत में भी प्रति 10 लाख में तीन हजार ज्यादा हैं। मैं प्रवासी शब्द का विरोधी हूं। लोगों को मालूम नहीं है बिहार में केरल के लोग भी हैं। हमने 21 लाख लोगों को एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि दी है।
हमलोगों के मन में किसी भी तरह की गलतफहमी नहीं- नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा की ही इच्छा थी कि हम और वीआईपी को साथ लिया जाए। हमलोगों के मन में किसी भी तरह की गलतफहमी नहीं है। अगर किसी को कुछ कहने से आनंद आता है तो उसे कहने की आजादी है। यह स्वभाविक है कि इस बार निर्णय लेने में विलंब हुआ है, लेकिन अब सबकुछ साफ है। मैं इतना ही कहूंगा कि आप लाख कुछ कर लीजिए कुछ प्रतिशत लोग कुछ ना कुछ बोलते ही रहेंगे। 24 हजार करोड़ रुपये का बजट होता था, जिसे हमने दो लाख 40 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाया है।
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