देश में रोजाना औसतन 87 दुष्कर्म के मामले, 7.3 फीसदी तक महिलाओं के खिलाफ बढ़े अपराध : एनसीआरबी

न्यूज़ डेस्क : उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। वहीं, देश में अपराधों को लेकर जारी सरकारी आंकड़ों में जो जानकारी सामने आई है वह चिंता को और बढ़ाने वाली है। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि देश में साल 2018 की तुलना में 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में खासी बढ़त हुई है। 

 

 

साल 2019 में भारत में रोजाना औसतन 87 दुष्कर्म के मामले सामने आए और महिलाओं के खिलाफ अपराध के चार लाख पांच हजार 861 मामले दर्ज किए गए। यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी आंकड़ों में सामने आई है। आंकड़ों के अनुसार साल 2018 की तुलना में साल 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध सात फीसदी से ज्यादा बढ़े। 

 

 

एनसीआरबी की ओर से 29 सितंबर को जारी ‘भारत में अपराध-2019’ (Crimes in India-2019) नामक यह रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 7.3 फीसदी की बढ़त हुई है। साल 2019 में  प्रति एक लाख की आबादी पर दर्ज महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर 62.4 फीसदी रही। साल 2018 में यह दर 58.8 फीसदी रही थी।

 

साल 2018 में देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के तीन लाख 78 हजार 236 मामले दर्ज किए गए थे। गृह मंत्रालय ने एक बार फिर स्पष्ट रूप से कहा कि पश्चिम बंगाल ने नवीनतम डाटा साझा नहीं किया है। यही वजह है कि साल 2018 के डाटा का उपयोग राष्ट्रीय और शहर-वार आंकड़ों पर पहुंचने के लिए किया गया है।

 

बच्चों के खिलाफ अपराध में भी तेजी 

एनसीआरबी के ये आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के साथ-साथ बच्चों के खिलाफ अपराधों में तेजी आई है। साल 2018 के मुकाबले 2019 में बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले 4.5 फीसदी बढ़े हैं। साल 2019 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1.48 लाख मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 46.6 फीसदी मामले अपहरण के थे और 35.3 फीसदी मामले यौन अपराधों के थे।

 

 

एनसीआरबी केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है। इसका काम पूरे देश में अपराधों का डाटा एकत्र करना और उसका अध्ययन करना है। एजेंसी ने 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों और 53 महानगरों के आंकड़ों को समेटने के बाद तीन खंड की रिपोर्ट तैयार की है।

 

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