मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान 22 सितम्बर को डेली काॅलेज इंदौर में रैली फार रिवर्स के समर्थन में इशा फाउण्डेशन के सदगुरू का साथ देंगे
इंदौर: 3 सितम्बर को कोयम्बटूर से केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा मौसम परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने सदगुरू द्वारा भारत की नदियांे को बचाने के उद्येश्य से आरंभ की गई रैली फार रिवर्स झंडी दिखाकर रवाना किया था वह आज इंदौर पहुंचेगी। आज शाम डेली काॅलेज में आयोजित रैली फार रिवर्स आयोजन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चैहान मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, महापौर मालिनी गौड, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी सदगुरू तथा मुख्यमंत्री के साथ मंचासीन होंगे। कार्यक्रम में मातीबानी द्वारा संगीतमय प्रस्तुति भी दी जाएगी। इस कार्यक्रम मे सभी आमंत्रित है। इसके लिए 8109830008 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
रैली फार रिवर्स कोयम्बटूर से आरंभ होकर कन्याकुमारी, मदूरै, त्रिवेन्द्रम, त्रिची, पाण्डिचेरी, मैसूर, बंेगलुरू, चैन्नई, विजयवाडा, हैदराबाद तथा मुंबई होते हुए 20 सितम्बर को अहमदाबाद पहंुची। 3 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक देश के 16 राज्यों तथा 23 प्रमुख शहरों तक 8000 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली इस रैली में सदगुरू स्वयं कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक की सम्पूर्ण दूरी ड्राइव करते हुए पूरा करेंगे। रैली के विभिन्न चरणों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने वाले देश के विभिन्न नेताओं और सेलिब्रिटियों के साथ सदगुरू वाहन चलाएंगे। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लेकर समर्थन करने की पुष्टि की है और संभवतःयह पहला अवसर होगा जब समाज के विभिन्न क्षेत्रों के सार्वजनिक जीवन से जुडे लोग , सेलिब्रिटिज तथा राजनीतिक नेतागण एक पवित्र कार्य के लिए एकसाथ आए हैं।
इस बारे में पर्यावरण,वन, तथा मौसम परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने रैली को झंडी दिखाकर रवाना करते समय ये कहा था कि ‘ यहां मैं इस आंदोलन के एक सिपाही के रूप में उपस्थित हुआ हूं। मैं केवल यहां ही नहीं बल्कि 2 अक्टूबर को नई दिल्ली में सदगुरू का सम्मान करूंगा । यह देखना हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी भावी पीढी के अधिकारों को किस तरह से सुरक्षित करते है। ‘‘
इस बारे में सदगुरू ने कहा कि ‘‘ न तो यह विरोध है और न ही कोई आंदोलन है । यह हमारी सिकुडती नदियों को बचाने के बारे में जागरूकता बढाने का एक अभियान है। हर कोई जो जल का उपयोग करता है उसे रैली फार रिवर्स में शामिल होना ही चाहिए। भारत के नागरिक के रूप में हमे अपने दायित्वों को अभिव्यक्त करने की तथा अपनी नदियों की वर्तमान दशा को बदलने की जरूरत है। हमारे अभिभावकों ने किस तरह से हमारे लिए नदियों को छोडा है , अपने जाने से पहले कम से कम हमे नदियों को उस स्थिति में तो वापस लौटा देना चाहिए । अपने देश के भले के लिए, अपनी भावी पीढियों के लिए तथा अपनी पीढी के लिए हम सभी इसे संभव करने के लिए खडे हो जाएं। ‘‘
अधिक विवरण के लिए कृपया सम्पर्क करें:7747077470
रैली फार रिवर्स के बारे में:
पूरे वर्ष भूमि की नमी तथा नदियो को वायु की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खेतों पर फलों के वृक्ष तथा सरकारी भूमि पर वन्य वृक्षों को लगाने; नदियो के दोनों ओर 1 किलोमीटर की गहराई तक वृक्षारोपण के लिए मसौदा नीति अनुशंसा तैयार करने के लिए पर्यावरण वैज्ञानिकों तथा कानूनविदों की एक विशेषज्ञ समिति कार्य कर रही हैं। यह समाधान यह सुनिश्चत करता है कि इससे जहां एक ओर नदियां पुनजीर्वित होगी वहीं किसानों का जीवनयापन धीरे धीरे फसल से वृक्ष आधारित खेती की तरफ परिवर्तित हो रहा है। फलों की उपलब्धता लोगों में पोषक तत्वों को ग्रहण करने की स्थिति में भी सुधार करती है। वृक्ष नदियों को वर्ष भर प्रवाहमान बनाए रखते है, सूखे तथा बाढ की स्थिति को घटाते हैं , वर्षा की मात्रा बढाते हैं , मौसम संबंधी उतार चढाव को घटाते है तथा भूक्षरण को रोकते हैं ।
1, सितम्बर2017 को पूरे देश के 60 नगर में ‘रैली फार रिवर्स ‘‘ जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें लाखों लोगों ने टी शर्टस, प्लेकार्डस, हेडगियर तथा स्टिकर के माध्यम से ‘‘रैली फार रिवर्स ‘‘का समर्थन किया । लाखों लोगों ने अपने अपने शहरों के लोकप्रिय स्थानो ंपर एकत्रित होकर जनता से 80009-80009 पर मिस्ड काॅल कर रैली फार रिवर्स को समर्थन देने का अनुरोध किया। हमारी नदियों द्वारा जिन संकटों का सामना करना पड रहा है उसके बारे में सभी को जागरूक करने तथा समाज के सभी वर्गो में रैली फार रिवर्स की आवश्यकता के लिए जागरूक करने और अभियान के लिए बडे पैमाने पर समर्थन जुटाने तथा इसे गति प्रदान करने के लिए एक प्रयास था । लाखांे लोगों ने इसके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और आप भी यह कर सकते हैं ! इसके लिए आपको केवल 80009 80009 पर एक मिस्ड काॅल करना होगा। आपके द्वारा किया गया केवल एक मिस्ड काॅल हमारी नदियों को पुनजीर्वित करने के लिए भारी लहर का एक हिस्सा होगा।
भारत के 100,000 विद्यालयों में भारत की नदियों को पुनजीर्वित करने की जरूरत तथा संभावित समाधानों पर सृजनात्मक लेखन तथा कला प्रतियोगिताओं की शुरूआत की गई। इन सभी विद्यालयों में एकत्रित लोगों द्वारा नदी स्तुति की गइ जिसके बाद सदगुरू तथा वीरेन्द्र सहवाग द्वारा की गइ अपील सुनाई गई। रैली फार रिवर्स ने शेखर कपूर, राकेश ओमप्रकाश मेहरा तथा प्रहलाद कक्कड के सहयोग से एक राष्ट्रीय लघु फिल्म प्रतियोगिता भी आरंभ की है।
रैली फार रिवर्स क्यों ?:
भारत की नदियां में भयंकर बदलाव हो रहा है। साल भर प्रवाहित होने वाली नदियां मौसमी नदियां बन रही है। कई छोटी नदियां तो पहले से ही लुप्त हो चुकी है। बाढ तथा सूखे का प्रभाव लगातार बढता जा रहा है क्यांेकि मानसून के दौरान नदियां अनियंत्रित हो जाती हैं तथा मानसून समाप्त होते ही लुप्त हो जाती हैं। नग्न सत्य यह है कि भारत का 25 प्रतिशत हिस्सा 15 वर्षो में रेगिस्तान में बदल रहा है , हमारे पास जीवित रहने के लिए आवश्यक जल का केवल आधा हिस्सा ही रह जाएगा। गंगा, कृष्णा, नर्मदा तथा कावेरी जैसी हमारी कुछ महान नदियां तेजी से सिकुडती जा रही हैं। यदि हमने अभी कार्यवाही नहीं की तो अपनी अगली पीढी को हम जो विरासत सौंप कर जाएंगे वह संघर्ष तथा विनाश का एक बडा कारण होगा । हमारी प्रमुख नदियां आज जल विवाद का विषय बनी हुई हैं।
विभिन्न आकलनों से यह पता चला है कि हमारी आवश्यकताओं को 69 प्रतिशत जल नदियों से प्राप्त होता है। भारत के प्रमुख 3 शहरों में से 2 शहर पहले ही दैनिक जल अभाव का सामना कर रहे हैं तथा पानी की एक कनस्तर के लिए सामान्य राशि से 10 गुना पैसा चुका रहे हैं। हम न केवल पीने या धरेलू काम-काज के लिए जल का उपयोग करते हैं बल्कि हमारे खाद्यान को उगाने के लिए 80 प्रतिशत जल का उपयोग किया जाता है । हमारे यहां जल की प्रति व्यक्ति वार्षिक औसत आवश्यकता 1.1 मिलियन लीटर है। बाढ, सूखे तथा साल भर बहने वाली नदियों के मौसमी नदियों के रूप में बदलने से देशभर मे फसलों में गिरावट हो रही है। अगले25 से 50 वर्षों में बाढ तथा सूखे की सबसे खराब स्थितियां अपेक्षित हैं। मानसून के दौरान नदियों में बाढ आ जाएंगी। शेष वर्षभर सूखे की स्थिति बनी रहेगी। इस प्रवृत्ति की पहले ही शुरूआत हो चुकी है।
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