कृषि बिल पास परन्तु MSP के बावजूद बाजार अपनी जरूरतों के हिसाब से तय करता है कीमतें

न्यूज़ डेस्क : फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होने के बाद भी केवल छह फीसदी किसान ही इन कीमतों पर अपनी फसलें बेच पाते हैं। शेष 94 फीसदी किसान अभी भी खुले बाजार के भरोसे हैं। वहीं बाजार अपने नियमों से फसलों की कीमतें तय करता है। सच्चाई यह है कि खुले बाजार में कई फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा तो कई फसलेंं न्यूनतम समर्थन मूल्य से आधी कीमतों पर बिक रही हैं। जैसे मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपये तय है, लेकिन इन कीमतों पर सरकारी खरीद न होने के कारण किसानों को यही फसल खुले बाजार में 900-1200 रुपये प्रति क्विंटल में बेचनी पड़ रही है। वहीं, सरकार ने चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5100 रुपये तय किया है, लेकिन इस समय यह खुले बाजार में 5000 रुपये से 5500 रुपये में बिक रहा है।

 

 

ये हैं गेहूं, सरसों और मूंगफली के भाव

मेरठ अनाज मंडी के आढ़ती अंकुर गुप्ता ने अमर उजाला को बताया कि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975 रुपये तय हो गया है, लेकिन मंडी में यह 1800 से 2000 रुपये तक में उपलब्ध है। अच्छी गुणवत्ता का एमपी गेहूं 2400 रुपये प्रति क्विंटल तक में मिल रहा है। सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4650 रुपये तय किया गया है, लेकिन मंडी में अभी भी यह 5000 रुपये से ज्यादा कीमत पर बिक रही है। पीली सरसों 7500 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल रही है। यानी कई फसलों की कीमत सरकार की तय कीमतों से ज्यादा मिल रही है तो कई फसलों की कीमत कम मिल रही है। यह सामान की गुणवत्ता और बाजार की जरूरतों के हिसाब से तय हो रहा है।

 

 

मूंगफली की कीमत 5265 रुपये तय की गई है। लेकिन बाजार में यह अभी भी 6000 रुपये के लगभग में बिक रही है। बड़े दाने वाली मूंगफली, जिसे स्थानीय लोग मूंगफला कहते हैं, 8000 रुपये से 8500 रुपये प्रति क्विंटल तक में मिल रहा है।

 

 

खुदरा बाजार में आसमान में दाम

वहीं, इन्हीं फसलों की कीमत खुदरा बाजार में काफी महंगी हो जाती हैं। चने की जो कीमत किसान को 50-55 रुपये प्रति किलो में बेचनी पड़ती है, वही चना सामान्य ग्राहक को 60 से 90 रुपये के बीच मिल रहा है। यानी इनकी कीमतें लगभग 50 फीसदी तक बढ़ जाती हैं। इसी प्रकार मक्के की कीमत एमएसपी मूल्य पर भी 18.50 रुपये मिलती है, जबकि खुदरा ग्राहक को यही मक्का 30-40 रुपये के बीच मिल रहा है। यानी मक्का खुदरा बाजार में एमएसपी से लगभग दो गुने मूल्य तक में बिक रहा है। मंगफली 120 रुपये प्रति किलो से 150 रुपये प्रति किलो तक बिक रही है।

 

गेहूं खाद्य फसलों में सबसे अहम माना जाता है। इसकी एमएसपी कीमत 19.75 रुपये प्रति किलो तय कर दी गई है, लेकिन खुदरा बाजार में यह 20-22 रुपये प्रति किलो तक मिल रहा है। एमपी गेहूं की कीमत 35-40 रुपये तक में मिल रहा है।

 

 

किसानों के लिए क्या होगा कारगर

कांग्रेस नेता अभिमन्यु त्यागी ने कहा कि एमएसपी घोषित होने के बाद भी किसानों को उनकी फसलों की कीमत नहीं मिल पाती है। सबसे बड़ी खामी यह है कि किसान की पूरी फसल की खरीद उसकी जरूरत के समय नहीं हो पाती है। किसान को मजबूरी में अपनी फसल बाजार में औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ती है। किसानों को मजबूती देने के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य की जानी चाहिए कि किसी भी फसल की खरीद एमएसपी मूल्य से कम पर नहीं की जा सकेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों का कानूनी अधिकार बनाया जाना चाहिए जिससे एपीएमसी मंडी से लेकर खुले बाजार तक में कहीं भी फसलों को इससे कम कीमत पर न बेचा जा सके।

 

 

ये हैं नई कीमतें

केंद्र सरकार ने रबी फसलों की नई कीमतें घोषित कर दी हैं। इसके मुताबिक गेहूं का समर्थन मूल्य 50 रुपये बढ़ाकर 1975 रुपये, जौ का 75 रुपये बढ़ाकर 1600 रुपये, चने का 225 रुपये बढ़ाकर 5100 रुपये, मसूर का 300 रुपये बढ़ाकर 5100 रुपये, सरसों का 225 रुपये बढ़ाकर 4650 रुपये, कुसुम का 112 रुपये बढ़ाकर 5327 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है|

 

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