चुनाव की तैयारियों के बीच नीतीश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाया

न्यूज़ डेस्क : बिहार में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही तैयारियों में जुटे हुए हैं। शुक्रवार देर शाम हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में करीब 64 प्रस्तावों पर मुहर लगी। नीतीश सरकार ने बैठक में कई सरकारी विभागों के कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए उनके वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी की है। 

 

 

इस फैसले के अनुसार आंगनवाड़ी सेविका का भत्ता 1150 से बढ़ाकर 1450 रुपये कर दिया गया है। मिनी आंगनवाड़ी सेविका का भत्ता 900 से 1130 रुपये कर दिया गया है। तालीमी मरकज वालों के ईपीएफ में 1000 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। रसोइये के भत्ते को 500 से 650 रुपये किया गया है। किसान सलाहकार का भत्ता 1000 रुपये और विकास मित्रों का भत्ता 1200 रुपये बढ़ाया गया है।

 

 

इसके अलावा गैर सरकारी सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक उच्च माध्यमिक शिक्षकों के वतन में भी बढ़ोतरी की गई है। इनके वेतन में 15 फीसदी बढ़त की गई है। इन्हें एक अक्तूबर से ईपीएफ का लाभ मिलने लगेगा। वहीं, अराजकीय मदरसा और अराजकीय संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों के ईपीएफ में भी 15 फीसदी की बढ़ेतरी की गई है। इन्हें भी एक अक्तूबर से ईपीएफ का फायदा मिलेगा।

 

इसके साथ ही कैबिनेट ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए स्कूल बसों को लेकर अहम फैसला किया। इसके लिए बिहार मोटर गाड़ी नियमावली में संशोधन भी किया गया। इसके तहत अब स्कूल बसों में मौजूद सीटों से ज्यादा बच्चों को नहीं बैठाया जा सकेगा। इसके साथ ही स्कूल बसों और अन्य वाहनों में सीट की संख्या को लेकर जानकारी देने वाला बोर्ड भी लगाना होगा। 

 

स्कूली बसों से संबंधित इस फैसले में कहा गया है कि क्षमता से ज्यादा बच्चे बैठाने पर जुर्माना लगेगा और गाड़ी का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा। कैबिनेट बैठक में लिए गए एक और फैसले के अनुसार अब लोकसभा या विधानसभा चुनाव में मजदूर या चालक के घायल होने पर उसका इलाज कराना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी होगी।  

 

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