1870 के बाद प्रति व्यक्ति जीडीपी दर सबसे निचले स्तर पर, भारतीय अर्थव्यवस्था में 150 वर्षों की बड़ी गिरावट: सीईए
न्यूज़ डेस्क : चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में आई रिकॉर्ड गिरावट पर मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने सरकार का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक झटकों की वजह से भारत की जीडीपी में 23.9 फीसदी की बड़ी गिरावट आई है। कोरोना महामारी की वजह से भारत सहित दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं संकट में हैं।
1870 के बाद प्रति व्यक्ति जीडीपी दर सबसे निचले स्तर पर
सुब्रमणियन ने कहा, वैश्विकी स्तर पर प्रति व्यक्ति जीडीपी दर 1870 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। अगर इसमें 150 वर्षों की बड़ी गिरावट आई है, तो अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर नीचे जाना स्वाभाविक है। होटल, टूरिज्म जैसे क्षेत्रों पर महामारी की सबसे ज्यादा मार पड़ी है और दुनियाभर में रोजगार व कमाई पर असर पड़ा है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने भी लंबे समय तक लॉकडाउन झेला है, लेकिन इसमें छूट मिलने के बाद से ही V-आकार का सुधार दिखाई दे रहा है।
इसका मतलब है कि गिरावट के बाद अर्थव्यवस्था सीधे और तेजी से उबर रही है। उन्होंने कहा कि जून के बाद से आर्थिक गतिविधियों में लगातार सुधार आ रहा है। हालांकि, जीएसटी सहित अन्य राजस्व वसूली में कमी आई है लेकिन ई-वे बिल, टोल वसूली और औद्योगिक उत्पादन के मोर्चे पर लगातार सुधार हो रहा है।
अगली तिमाही भी रहेगी गिरावट
रिजर्व बैंक ने पिछले दिनों जारी सालाना आर्थिक रिपोर्ट में कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भी शून्य से नीचे रहने की आशंका है। इसके अलावा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले दिनों जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा था कि कोरोना महामारी दैवीय आपदा है, जिससे पूरे साल अर्थव्यवस्था में गिरावट की स्थिति रह सकती है। हालांकि, सुधार के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने जहां 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया है, वहीं आरबीआई 1.15 फीसदी रेपो रेट घटाने के बाद अन्य सहूलियतें दे रहा र्है।
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