न्यूज़ डेस्क : कोरोना महामारी के कारण इस साल राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपडेट करने और जनगणना-2021 के पहले चरण की कवायद को स्थगित कर दिया गया है और इसमें एक साल की देरी हो सकती है। यह इसलिए क्योंकि देशभर में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
बता दें कि भारतीय जनगणना दुनिया के सबसे बड़े प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभ्यासों में से एक है। जनगणना में 30 लाख से अधिक अधिकारी प्रत्येक देश के अलग अलग गांवों में प्रत्येक घर का दौरा करते हैं। इस मामले एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘जनगणना को अभी कराना उतना आवश्यक नहीं है। इसमें भले ही एक साल की देरी हो, इससे कोई नुकसान नहीं होगा।’
जनगणना 2021 के पहले चरण और एनपीआर अपडेट होने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं
अधिकारी ने कहा कि जनगणना 2021 के पहले चरण और एनपीआर अपडेट होने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन यह लगभग तय है कि यह 2020 में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण नहीं होगा। बता दें कि जनगणना के हाउस-लिस्टिंग चरण और एनपीआर को अपडेट करने की कवायद को 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक पूरे देश में लागू किया जाना था, लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण इसे स्थगित कर दिया गया।
भारत में कोरोना के मामले 35 लाख के पार
भारत में कोविड-19 के मामले 35 लाख के आंकड़े को पार कर चुके हैं। रविवार को एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिला। रविवार को एक दिन में 78,761 नए मामले सामने आए, यह अब तक एक दिन में संक्रमित मामलों की सर्वाधिक संख्या है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि संक्रमण से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 27 लाख से ज्यादा हो गई है और जांच में तेजी आई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 948 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 63,498 हो गई है। देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 35,42,734 हो गए हैं, जिनमें से 7,65,302 लोगों का उपचार चल रहा है और 27,13,934 लोग उपचार के बाद इस बीमारी से उबर चुके हैं।
1 अप्रैल 2020 से शुरू होने वाला था जनगणना और अपडेशन
वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। जनगणना और एनपीआर सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं हैं।’ मार्च में, जब कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, तब भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त जनगणना 2021 के पहले चरण और एनपीआर अपडेटशन के लिए तैयार थे, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाला था। भले ही कुछ राज्य सरकारों ने एनपीआर अपडेट का विरोध किया, लेकिन सभी ने जनगणना अभ्यास में पूर्ण समर्थन की पेशकश की। जनगणना भारत के लोगों पर विभिन्न प्रकार की सांख्यिकीय जानकारी का सबसे बड़ा एकल स्रोत है, जो राज्य को विभिन्न नीतियों को बनाने में मदद करता है।
Comments are closed.