जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक में नहीं हुआ कोई खास निर्णय, अभी नहीं होगी टू व्हीलर्स के दामों में कमी

न्यूज़ डेस्क : जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक गुरुवार को संपन्न हो गई। इस बैठक में राज्यों को मुआवजे के भुगतान और सेस के जरिए कमाई बढ़ाने के उपायों पर मंथन हुआ। लेकिन इसके इतर ऑटोमोबाइल जगत से जुड़े जिस मु्द्दे पर चर्चा होनी थी उस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ नहीं बोला। हालांकि बैठक से एक दिन पहले सीतारमण ने इस बात के संकेत दिए थे कि टू-व्हीलर्स पर जीएसटी की दर घटाने पर चर्चा की जा सकती है। इससे ऑटो सेक्टर में काफी उत्साह फैल गया था। ऑटो सेक्टर की कंपनियों का कहना है कि अगर टू-व्हीलर्स पर जीएसटी कम हुआ तो वे इसका सीधा लाभ ग्राहकों को देंगे। 

 

 

वित्त मंत्री निर्मला ने बताया कि दोपहिया वाहनों पर टैक्स कटौती को लेकर कोई समय-सीमा तय नहीं है। अब ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस पर विचार किया जा सकता है। 

 

 

‘बजाज कम कर देगी कीमत’

बजाज ऑटो के एमडी राजीव बजाज ने कहा है कि केंद्र सरकार टू व्हीलर्स पर जीएसटी दर को अगर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दे तो टू व्हीलर्स के दाम 10,000 रुपये तक कम हो सकते हैं। गौरतलब है ट्र-व्हीलर पर जल्द ही जीएसटी कटौती के संकेत खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दिए थे। इंडस्ट्री चैंबर सीआईआई की वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि टू व्हीलर के मामले में जीएसटी काउंसिल में चर्चा की जाएगी। जिसके बाद इस उम्मीद में बुधवार को शेयर मार्केट में ऑटो कंपनियों के शेयरों में खासा उछाल देखने को मिला। 

 

 

फिटमेंट कमेटी के पास भेजा जाएगा!

हालांकि ऑटो जगत से जुड़े जानकार इस पर पहले से ही संशय जता रहे थे कि गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार जाएगा। जानकारों की राय में तकनीकी रूप से पहले इस प्रस्ताव को जीएसटी फिटमेंट कमेटी के पास भेजना होगा। वहां से पारित होने के बाद ही इसे जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में लाया जाएगा। इसको तुंरत लाए जाने की संभावना काफी कम है। अगर इस मामले को फिटमेंट कमेटी को भेजा गया तो इस पर फैसला सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में लिया जा सकेगा। 

 

 

जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी

वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है, जिसमें से सिर्फ 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से हुई और बाकी का नुकसान कोविड-19 की वजह से हुआ है। 

 

 

राज्यों को मुआवजा दिया जाना चाहिए- वित्त सचिव

इस साल कोरोना वायरस महामारी के कारण जीएसटी संग्रह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने कहा कि जीएसटी मुआवजा कानून के अनुसार, राज्यों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। केंद्रीय सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटी मुआवजे के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपये जारी किए, जिसमें मार्च के लिए 13,806 करोड़ रुपये शामिल हैं। वित्त सचिव ने कहा कि 2019-20 के लिए जारी मुआवजे की कुल राशि 1.65 लाख करोड़ रुपये है, जबकि उपकर राशि 95,444 करोड़ रुपये थी। 

 

Comments are closed.