न्यूज़ डेस्क : बारिश और बाढ़ के कहर ने चारों तरफ कोहराम मचा रखा है। इसी बीच अमेरिकी मौसम विभाग के अनुसार सितंबर महीने में बीते महीनों से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। विभाग का कहना है कि अधिक बारिश के कारण बाढ़ भी अधिक आएगी।
अमेरिकी मौसम विभाग का कहना है कि प्रशांत महासागर में सितंबर–अक्तूबर महीने में ला–नीना का असर देखने को मिल सकता है। ला–नीना के प्रभाव से इस साल भारत में मानसून लौटने में देरी हो सकती है। साथ ही बारिश भी इस महीने में अधिक होगी।
ला–नीना से दक्षिण के राज्यों में भी ठंड का असर
ला–नीना और एल–नीनो दोनों ही हमारे वातावरण को प्रभावित करते है। एल–नीनो के प्रभाव से जहां अनियमित मानसून और सूखा होता है, वहीं ला–नीना से ज्यादा बारिश और बाढ़। वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार इस बार सितंबर में ला–नीना का असर दिखेगा ,जिससे बारिश और बाढ़ की संभावना अधिक होगी। ज्यादा बारिश और बाढ़ के कारण ठंड जल्दी आएगी। ठंड का असर इस बार दक्षिण के राज्यों में भी देखा जा सकेगा।
ला–नीना और एल–नीनो में क्या है अंतर
एल–नीनो और ला–नीना ये दोनों ही स्थितियां हवा के विषम बर्ताव के कारण सतह के तापमान बदलने से पैदा होते हैं। एल–नीनो में हवा कमजोर पड़ जाती हैं और गर्माहट पैदा होती हैं। जबकि ला–नीना में हवा बहुत मजबूत होती है और ठंडक पैदा करती हैं। एल–नीनो के दौरान मध्य व भूमध्य प्रशांत महासागर गर्म हो जाता है , जिससे पूरे भूमंडल की हवा का पैटर्न बदल जाता है। इसीलिए अनियमित मानसून और सूखा देखने को मिलता है।
Comments are closed.