न्यूज़ डेस्क : मुंबई महानगरपालिका कि आयुक्त कोविड-19 की मृत्यु को लेकर आंकड़ा छुपा रहे हैं कोरोना का नियंत्रण करने में महानगरपालिका पूरी तरह से असफल हुई है प्रशासन ने समय पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की यह कहना है भूतपूर्व सांसद किरीट सोमैया का वह गवर्नेंस नाउ के मैनेजिंग डायरेक्टर कैलाश अधिकारी से एक विशेष बातचीत में बोल रहे थे l
जब उनसे पूछा गया महानगर पालिका ने धारावी ने कोरोना संक्रमित को नियंत्रित करने में सफलता पाई पर आपका क्या कहना है इस पर उन्होंने जवाब में कहा कि मुंबई में जितनी तादाद में कोरोना संक्रमित ओं की संख्या बढ़ी है प्रशासन पूरी तरह से फेल हो गया मृत्यु के सही आंकड़े को प्रशासन ने छुपाने की पूरी कोशिश की है सही आंकड़े के अभाव में लोगों को कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ा समय-समय पर कोरोना लेकर मनपा आयुक्त ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह ना करते हुए सही आंकड़े नहीं बताए और झूठ बोले भारत की आर्थिक राजधानी में करो ना पीड़ितों की संख्या न केवल बढ़ी है बल्कि कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी कई पुलिसकर्मी मनपा करनी और निर्दोष नागरिकों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा यह महानगरपालिका और महाराष्ट्र प्रशासन की घोर असफलता है l
एक सवाल के जवाब में होने का भारतीय जनता पार्टी की सेवा मैंने पूरी लगन से की है जब भी पार्टी को मेरी जरूरत पड़ी मैंने अपना 100% देने की कोशिश की मुसीबत में मैं हमेशा पार्टी के लिए चट्टान बनकर खड़ा रहा जब उनसे पूछा गया कि कई लोग आप द्वारा किए गए कार्य को लेकर भी अलग-अलग बातें करते हैं उन्होंने जवाब में कहा कि मैं पार्टी का सच्चा सिपाही होने के नाते सच्ची निष्ठा के साथ अपने दायित्व का निर्वाह करता हूं मुझे पोलिटिकल फायदा हुआ था ना हो मैं इसकी चिंता नहीं करता मैं फायदे को लेकर ऐसा कोई काम नहीं करता मैं भारतीय जनता पार्टी के लिए एक कार्यकर्ता के रूप में काम करता हूं कभी नहीं सोचता कि मेरे द्वारा किए गए कार्य मुझे इनाम मिलेगा कि नहीं मिलेगा
मैंने हमेशा गवर्नेंस को लेकर और भ्रष्टाचार को लेकर सरकार केकई भ्रष्टाचार को उजागर किया और प्रमाण सहित जनता के सामने जनता की आवाज को बुलंद की मैं दावे से कह सकता हूं की वर्तमान सरकार अपना दायित्व सही ढंग से निर्वाह नहीं कर रही है वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करने के बजाए सिर्फ लोगों को बरगला रही है आम जनता में प्रशासन को लेकर और निराशा है लोगों में मायूसी का आलम इस कदर है कि कई प्रवासियों को जिनकी की तादाद लाखों में थी पैदल अपने-अपने प्रदेशों में जाना पड़ा कई लोगों को आसानी कष्ट का सामना भी करना पड़ रहा है प्रशासन है यह भी कहना हास्यास्पद लग रहा है
मुंबई मीरा रोड भयंदर विरार ठाणे के क्षेत्र के लोगों को कितनी दिक्कतें हैं जो शब्दों में बोला नहीं जा सकता आम लोगों की आवाज को प्रशासन ने दबा कर रखा है सही आंकड़े यदि प्रामाणिक तौर पर जनता के समक्ष आ जाए जो यह सरकार मुंह दिखाने के लायक नहीं रह पाएगी
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