न्यूज़ डेस्क : चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करने गए विश्व स्वास्थ्य संगठन के दल ने अभियान का जमीनी कार्य पूरा कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ का एक दल चीनी सरकार की अनुमति के साथ पूरी दुनिया में समस्या का सबब बने कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच कर रहा है।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडहेनम गेब्रयेसस ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘दल ने चीन में कोरोना वायरस की उत्पत्ति जानने के लिए जमीनी कार्य करने का अभियान पूरा कर लिया है।’ उन्होंने कहा कि संक्रमण के शुरुआती मामलों में वायरस की संभावित उत्पत्ति जानने के लिए वुहान में अध्ययन शुरू किया जाएगा।
तीन महीने में पांच गुना से ज्यादा हुए मामले
इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने बताया कि तीन महीने पहले हुई डब्ल्यूएचओ की कोविड-19 पर आपात बैठक के बाद से पूरी दुनिया में कोरोना के मामले पांच गुना से ज्यादा बढ़ कर एक करोड़ 75 लाख से ज्यादा हो गए हैं। इस महामारी से मरने वालों की संख्या तीन गुनी से ज्यादा होकर छह लाख 80 हजार हो गई है।
हो सकता है कभी न मिल पाए इलाज : डब्ल्यूएचओ
डॉ. टेड्रोस ने वैक्सीन को लेकर कहा कि कुछ वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में हैं। हमें उम्मीद करते हैं कि कई प्रभावी वैक्सीन हमारे पास होंगी जो लोगों को संक्रमण से बचाने में मदद कर सकेंगी। हालांकि, इस महामारी का अभी तक कोई ठोस इलाज नहीं है और यह भी हो सकता है कि यह कभी न हो सके।
‘कोरोना से जंग में भारत ने निभाई अहम भूमिका’
वहीं, डब्ल्यूएचओ हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डॉ. माइकल रेयान ने सोमवार को कहा कि भारत कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारत इस बीमारी की दवाएं भी बना रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना के खिलाफ जंग में भारत का अहम योगदान है।
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