सिर्फ पाँच मिनट में 93 फीसदी वायरस को ख़त्म करने वाले मास्क को मंजूरी, जाने कितनी है कींमत

न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस महामारी फैलने की शुरुआत के साथ ही N-95 मास्क खूब चर्चा में आया था। वॉल्व वाले इस रेस्पिरेटर मास्क के बारे में कहा गया था कि यह कोरोना वायरस को रोकने में खूब कारगर है। यह मास्क पहले से ही महंगा था, इसके नकली वर्जन, डुप्लीकेसी और कालाबाजारी की खबरें भी सामने आई। लेकिन बीते दिनों विशेषज्ञों की राय के बाद केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वॉल्व वाले N-95 मास्क कोरोना को रोकने में कारगर नहीं है। अब सवाल ये है कि आखिर कौन सा मास्क कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षा दे सकता है!

 

 

कोरोना वायरस से मुकाबला करने वाले मास्क के संबंध में मुंबई से बड़ी खबर आई है। दरअसल, मुंबई स्थित एक स्टार्टअप ने ऐसा मास्क विकसित किया है, जो कोरोना वायरस को ना सिर्फ रोकता है, बल्कि उसे मारने में भी कारगर है। यह मास्क कोरोना वायरस को मुंह और नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करने से रोकता है और पांच मिनट से भी कम समय में लगभग 93 फीसदी वायरस को खत्म कर देता है। 

 

 

मुंबई के स्टार्टअप थरमैसेंस ने इस स्पेशल मास्क को तैयार किया है। कंपनी का दावा है कि यह मास्क कोरोना वायरस को शरीर में प्रवेश करने से तो रोकता ही है, साथ ही मास्क की बाहरी परत पर चिपके वायरस को भी पूरी तरह खत्म करता है। इसे कोरोना वायरस के लिए किलर मास्क भी कहा जा रहा है। 

 

 

इस मास्क को लेकर कंपनी के दावे के प्रति विश्वास इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि न इसे न केवल अमेरिकी लैब ने, बल्कि भारतीय लैन ने भी अप्रूव कर दिया है। इसका मतलब यह है कि मास्क को तैयार करनेवाले विशेषज्ञों की ओर से इसको लेकर जो दावे किए जा रहे हैं, यह उन तमाम दावों पर खरा उतरता है।

 

 

मुंबई स्थित स्टार्टअप थरमैसेंस की मानें तो उसके मास्क को आईएसओ (International Standardization Organization) प्रमाणित अमेरिकी लैब और भारत में परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (NABL) से मान्यता प्राप्त लैब द्वारा मास्क के उत्पादन और उपयोग के लिए अनुमति दे दी गई है।

 

 

 

कितनी होगी कीमत?

इस मास्क के बारे में बताया जा रहा है कि इसकी कीमत 300 से 500 रुपये के बीच होगी। हालांकि फिलहाल यह मास्क बाजार में नहीं आया है, लेकिन इसे जल्द ही उपलब्ध कराए जाने का दावा किया जा रहा है। यह री-यूजेबल मास्क होगा यानी इसे कई बार इस्तेमाल किया जा सकेगा।

 

इस मास्क को कितनी बार इस्तेमाल किया जा सकेगा, यह इस बात पर तय करेगा कि आप इसकी धुलाई कैसे करते हैं। कंपनी के मुताबिक, मास्क में इस्तेमाल की गई फैब्रिक 60 से ज्यादा बार औद्योगिक धुलाई और 100 से ज्यादा बार वॉशिंग मशीन की धुलाई झेल सकता है। वहीं अगर आप अगर इसे हाथों से साफ करते हैं तो यह 150 से ज्यादा धुलाई झेल पाने में सक्षम है। 

 

 

इस मास्क में किसी प्रकार की प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया है। थरमैसेंस के दावे के मुताबिक, इस फेस मास्क की फैब्रिक में नैनो तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कंपनी का दावा है कि यह मास्क केवल कोरोना ही नहीं, बल्कि अन्य तरह के वायरसों के साथ-साथ बैक्टीरिया के खिलाफ भी कारगर है। 

 

 

100 फीसदी वायरस का खात्मा!

आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि मास्क वायरस को रोकने में तो कारगर होते हैं, लेकिन यह मास्क वायरस को खत्म कैसे करता है। कंपनी के मुताबिक, इस मास्क के फैब्रिक में नैनो तकनीक का प्रयोग किया गया गया है। इसे प्रमाणित करनेवाली अमेरिकी लैब के मुताबिक, मुंबई में बना यह मास्क महज मिनट में करीब 93 फीसदी कोरोना वायरस को मार देता है, जबकि एक घंटे के अंदर यह 99.99 फीसदी कोरोना वायस को खत्म कर देता है। 

 

मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी होता है, क्योंकि अगर आपके आस-पास कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति मौजूद होता है तो उसके बात करने, खांसने, छींकने के दौरान या उसकी सांसों के जरिए यह वायरस ड्रॉपलेट्स के साथ बाहर हवा में आ जाता है और फिर आपके सांस के जरिए नाक और मुंह होते हुए आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। 

 

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