न्यूज़ डेस्क : पीएम मोदी के मिशन कश्मीर में घाटी में अलगाववादियों और पाकिस्तान समर्थित लोगों पर और नकेल कसी जाएगी। अनुच्छेद 370 हटने की पहली वर्षगांठ यानी पांच अगस्त से पहले केंद्र सरकार इसके जरिये देश-दुनिया को बड़ा संदेश देने की कोशिश में है कि अब अलगाववाद और पाकिस्तान समर्थन के दिन लद गए हैं। इसके लिए अलगाववादियों समेत प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के लगभग 150 सदस्यों की कुंडली तैयार कर ली गई है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने घाटी में सक्रिय अलगाववादियों और उनके ऊपर लगे देश विरोधी गतिविधियों से संबंधित आरोपों का डोजियर तैयार करवाया है। इसमें ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों, बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक के नाम हैं।
केंद्र को यह भी सूचना मिली है कि प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी ने बगैर संगठन के नाम से दोबारा गतिविधियां शुरू कर दी हैं। शिक्षा और धार्मिक कार्यक्रमों के नाम पर युवाओं में अलगाववाद और कट्टरता का बीज बोया जा रहा है। अनुच्छेद 370, डोमिसाइल कानून व अन्य मुद्दों को लेकर युवाओं को केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ भड़काया जा रहा है।
इन सूचनाओं के आधार पर केंद्र ने राज्य सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इन पर पीएसए के तहत कार्रवाई हो सकती है। इन्हें प्रदेश से बाहर की जेलों में भी भेजा जा सकता है। हालांकि, कोरोना संक्रमण की वजह से विभिन्न जेलों में कैदियों की संख्या देखते हुए गिरफ्तारी को अमल में लाया जाएगा। पहले चरण में बड़े नेताओं पर शिकंजा कसा जाएगा।
अलग-थलग पड़े अलगाववादी, गिलानी का इस्तीफा, मीरवाइज शांत
अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद से अलगाववादी खेमा घाटी में बिल्कुल अलग-थलग पड़ गया है। अब न तो हड़ताल और बंद की कॉल दी जा रही है, न ही पत्थरबाजी की घटनाएं पहले जैसी हैं। हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन पद से सैयद अली शाह गिलानी ने इस्तीफा दे दिया है। हुर्रियत (एम) प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने भी गतिविधियां सीमित कर दी हैं।
सार्वजनिक रूप से बयानबाजी नहीं हो रही है। शहीदी दिवस पर 13 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम को भी हुर्रियत कांफ्रेंस ने रद्द कर दिया है। हालांकि, उसने इसके लिए कोरोना संक्रमण को कारण बताया है, लेकिन माना जा रहा है कि केंद्र की सख्ती और अलगाववादियों के प्रति युवाओं की उदासीनता को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। अब अलगाववादी अपने चेहरे बचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
घाटी के युवाओं को समझ आ गया दोहरा चरित्र: डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद पिछले एक साल में कश्मीर में काफी कुछ बदला है। अब अलगाववादियों का कोई नाम लेने वाला नहीं रह गया है। हालांकि, उनकी कोशिशें देश विरोधी गतिविधियों को भड़काने की हमेशा से रहती है। अलगाववादियों के दोहरे चरित्र को कश्मीर के युवा अच्छी तरह से समझ गए हैं।
उन्हें पता चल गया है कि उन्होंने अपने परिवार वालों के सुरक्षित भविष्य के लिए उन्हें विदेश भेज रखा है और घाटी के भोले-भाले युवाओं के हाथ में बंदूक और पत्थर थमा रहे हैं। अब युवाओं को अपने करियर और विकास की चिंता है। इसलिए उन्होंने अलगाववादी गतिविधियों व पत्थरबाजी से दूरी बना ली है।
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