न्यूज़ डेस्क : आखिरकार कोख के सौदागरों की सरगना नेपाल की अस्मिता की पहचान आगरा पुलिस ने कर ली है। फेसबुक प्रोफाइल से उसकी फोटो मिल गई है। अब सर्विलांस की मदद से उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है। वो नेपाल में किस जिले की रहने वाली है? यह पता किया जा रहा है। इधर, स्थानीय सरगना नीलम के संपर्क में दिल्ली और फरीदाबाद के चिकित्सकों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
19 जून को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पुलिस ने दो गाड़ियों में बच्चों की तस्करी करने वाले पांच लोगों को पकड़ा था। इनमें फरीदाबाद की सरगना नीलम और रूबी थी। तीन युवक और थे, जो बच्चों और महिलाओं को कार से ले जाने का काम करते थे।
हाल ही में नीलम को पुलिस रिमांड पर लिया गया था। उसने बताया था कि दिल्ली की डॉ. नेहा और एजेंट मीना के साथ सरोगेसी के धंधे की शुरूआत की थी। उसके संपर्क में कई महिलाएं आ गई थीं। इससे वो यह धंधा करने में लगी थी। उसने नेपाल की मुख्य सरगना अस्मिता के बारे में भी कई जानकारी दी थीं। नीलम ने उसकी फेसबुक आईडी बताई थी।
एसपी ग्रामीण प्रमोद कुमार ने बताया कि अस्मिता की फेसबुक आईडी को चेक किया गया। इसमें अस्मिता ने ज्यादा जानकारी नहीं डाली है। उसका नेपाल का पता लिखा है, लेकिन यह फर्जी भी हो सकता है। उसने कुछ दिन पहले से ही फेसबुक अपडेट करना बंद कर दिया है। इस कारण पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही है। हालांकि सर्विलांस की टीम को लगा दिया है। जरूरत पड़ने पर नेपाल पुलिस की भी मदद ली जाएगी।
पुलिस की एक टीम को सिलीगुड़ी भेजा जाएगा। नीलम का सहयोगी राहुल बच्चों को सिलीगुड़ी तक ले जाता था। यहां से बच्चों को नेपाल में बेच दिया जाता था। पुलिस को नीलम से पूछताछ में यह पता चला था। पुलिस सिलीगुड़ी में सक्रिय अस्मिता के एजेंट के बारे में पता करेगी।
पुलिस कस्टडी रिमांड पर नीलम ने दिल्ली की डॉ. नेहा और एजेंट मीना का नाम लिया था। पांच दिन बाद भी इन दोनों का पता नहीं चल सका है। डॉक्टर ने दूसरी जगह पर क्लीनिक खोल लिया था। वहीं मीना भी घर छोड़कर फरार हो गई है। पुलिस की एक टीम को उसकी गिरफ्तारी के लिए लगाया गया था। अभी और चिकित्सकों के संपर्क में होने की जानकारी मिली है। उनके बारे में भी पड़ताल की जा रही है।
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