प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस की 40 वेबसाइटों पर सरकार ने लगाई रोक

न्यूज़ डेस्क : प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की 40 वेबसाइटों पर सरकार ने रोक लगाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को बताया कि यह फैसला संगठन द्वारा अलगाववादी गतिविधियों का समर्थन करने के चलते लिया गया है। अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस एक खालिस्तान समर्थक समूह है।

 

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत गैरकानूनी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने समर्थकों को पंजीकृत करने के लिए अभियान चलाया था। गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इसकी 40 वेबसाइट रोकने का आदेश दिया है।’ 

 

 

बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत में साइबर स्पेस की निगरानी के लिए नोडल प्राधिकरण है। पिछले साल गृह मंत्रालय ने इसकी देशविरोधी गतिविधियों के चलते प्रतिबंधित कर दिया था। एसएफजो ने सिख रेफरेंडम 2020 को अपने अलगाववादी एजेंडे के हिस्से के रूप में आगे बढ़ाया था।

 

सिख फॉर जस्टिस संगठन खुले तौर पर खालिस्तान का समर्थन करता है और उस प्रक्रिया में भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है।

 

 

सदस्यों के खिलाफ दर्ज हुए थे देशद्रोह और अलगाववाद के मामले

इससे पहले दो जुलाई को इस संगठन के कुछ सदस्यों के खिलाफ देशद्रोह और अलगाववाद के मामले दर्ज किए गए थे। पंजाब पुलिस ने संगठन के सदस्य गुरपतवंत सिंह पन्नू और उसके साथियों के खिलाफ बृहस्पतिवार को देशद्रोह और अलगाववाद के दो अलग अलग मामले दर्ज किए थे। यह मामले अमृतसर और कपूरथला में दर्ज किए गए हैं।

 

 

पन्नू उन नौ लोगों में शमिल है जिन्हें केंद्र सरकार ने बुधवार को गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत आतंकवादी घोषित किया था। गृह मंत्रालय ने पन्नू को सक्रिय रूप से भारत के खिलाफ अलगाववाद का अभियान चलाने और सिख युवकों को आतंकवाद में शामिल होने के लिये उकसाने के आरोपों के चलते आतंकवादी घोषित किया है।

 

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