न्यूज़ डेस्क : पतंजलि की दवा कोरोनिल को लेकर विवाद लगातार बढ़ रहा है। एक ओर आयुष मंत्रालय इस दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा चुका है और दवा की जांच करने की बात कही है तो दूसरी ओर पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि उन्होंने इस दवा के लाइसेंस को लेकर कोई गलत कदम नहीं उठाया है।
बालकृष्ण ने कहा, ‘हमने दवा (कोरोनिल) के उत्पादन में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है। हमने दवा में इस्तेमाल किए गए पदार्थों के स्पष्ट सबूतों के आधार पर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। हमने दवा के निर्माण में इस्तेमाल किए गए पदार्थों पर काम किया और क्लीनिकल ट्रायल के परिणाम लोगों के सामने रखे।’
उन्होंने कहा, हमने लाइसेंस पाने के लिए कुछ भी गलत नहीं किया है। बिना अनुमति के कोरोनिल का प्रचार करन की बात पर पतंजलि के सीईओ ने कहा, ‘हमने दवा का प्रचार नहीं किया, हमने सिर्फ लोगों को दवाई के प्रभाव बताने की कोशिश की थी।’
बता दें कि पतंजलि की इस दवा कोरोनिल पर राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस बारे में कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल के बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसे में राज्य में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।
वहीं, राजस्थान सरकार ने इस दवा को लेकर कहा कि कोविड-19 महामारी के उपचार की दवा के तौर पर किसी भी औषधि का विक्रय पाए जाने पर विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड आयुष विभाग ने भी बुधवार को पतंजलि को नोटिस जारी कर दिया था।
Comments are closed.