गलवां घाटी में चीन की सेना से हिंसक झड़प में भारत के 20 और चीन के 43 सैनिक मारे गए, भारत ने बढ़ाई सुरक्षा
नाइट विजन कैमरों से रखी जा रही हर गतिविधि पर नजर
भारत–नेपाल सीमा पर भी एसएसबी सतर्क
न्यूज़ डेस्क : लद्दाख की गलवां घाटी में चीन की सेना से हिंसक झड़प के बाद भारत–चीन सीमा पर नाभीढांग से लिपुपास तक आठ किमी के दायरे में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस क्षेत्र में आईटीबीपी के साथ अब भारतीय आर्मी ने भी गश्त शुरू कर दी है। नाइट विजन कैमरों से भी सीमा पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल यहां तनाव की स्थिति नहीं है।
पिथौरागढ़ जिले में स्थित भारत–चीन सीमा पर कुछ समय पूर्व चीनी सुरक्षा बलों ने लिपुपास को विवादित स्थल बताकर कुछ आपत्तिजनक बैनर लहराए थे। उसके बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने नाभीढांग से लिपुपास के आठ किमी के दायरे में सुरक्षा बढ़ा दी थी।
चीन सीमा की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना ने भी नाभीढांग से लिपुपास तक आईटीबीपी के साथ संयुक्त कांबिंग (गश्त) शुरू कर दी है। यह कांबिंग दिनरात की जा रही है। रात को नाइट विजन उपकरणों के साथ सुरक्षा बल इस पूरे क्षेत्र के चप्पे–चप्पे पर नजर रख रहे हैं।
भारत–नेपाल सीमा पर एसएसबी सतर्क : नेपाल–सीमा पर भी बिहार की घटना के बाद चौकसी बढ़ा दी गई है। एसएसबी के पास भारत–नेपाल की खुली सीमा की सुरक्षा का जिम्मा है। सुरक्षा बलों के उच्च अधिकारी भी इन दोनों सीमाओं की पल–पल की जानकारी 24 घंटे ले रहे हैं।
एसएसबी 57 वीं वाहनी के कमांडेंट त्रिपाठी के निर्देश पर एसएसबी बनबसा स्थित ए कंपनी एवं गढीगोठ धनुषपुल स्थित ई कंपनी को सीमा पर पेट्रोलिंग के साथ ही निगरानी बढ़ाने को कहा गया है। एसएसबी ई कंपनी के एसी कलजी सोढ़ा और धनुषपुल स्थित ए कंपनी के प्रभारी निरीक्षक केशर सिंह मीणा के मुताबिक सीमा पर हालात पूर्व की तरह सामान्य हैं, लेकिन भारत नेपाल सीमा को हाई अलर्ट पर रखकर एसएसबी जवानों को सतर्क रहने को कहा गया है।
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