सिम्स अस्पताल मे एक आटो-चालक पिता के दो वर्षीय बच्चे का लिवर प्रत्यारोपण

आहमदाबाद, जून : विरासत से मिली लीवर की घातक बीमारी से पीड़ितदो वर्षीय हिरवा का कोविड जैसे कठिन समय मे` अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल मे` लीवर प्रत्यारोपण किया गया है। उसकी जीवनदाता युवा माता ने हीबच्चे को अपना लीवर देकर जीवनदान दिया I लीवर प्रत्यारोपण चिकित्सा क्षेत्र मे` ना केवल सीम्स ने भी अभूतपूर्व सफलता हासिल की है, बल्कि साथ ही यह अनमोल चिकित्साकारगार साबित हुई है ।

 

 

गौरतलब है कि सफल सर्जरी से पहले हिरवा के परिवार के समक्ष बहुत सारी कठिनाईया थी । उसके पिता एक आटो-चालक है और वे इलाज का खर्च भी नही उठा सकते थे । वे पहले भी इस बीमारी से एक भाई, बहन खो चुके थे । इसके अलावा कोविड महामारी के संकट मे अंग प्रत्यारोपण के आसपास के खतरो` को और बढ़ा दिया था । सबसे प्रमुख बात यह थी कि एक छोटा सा बच्चा रोगी था । हालांकि सफल लिवर प्रत्यारोपण के संघर्ष मे` दो साल के बच्चे हिरवा नेपूरा साथ दिया ।

 

उल्लेखनीय है कि इस लिवर प्रत्यारोपण की टीम का नेतृत्व डॉ. बीसी राय सम्मानित – डॉ. आनंद खखर कर रहे थे । कोविड 19 की महामारी ने सीम्स अस्पताल को इसे और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया था । सीम्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. केयूर परिख ने बताया कि पूरी ईमानदारी और कठिन समय मे मिले समर्थन से हमने अपनी पूरी ताकत बच्चे के सफल लिवर प्रत्यारोपण मे लगा दी।

 

उन्होने कहा कि इस सर्जरी के बाद हिरवा धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहा है । मै सिम्स फाउंडेशन, मिलाप और हिरवा की माता जिस ने लिवर दान दिया और स्वैच्छिक रक्तदाताओ` का आभार व्यक्त करता हू`, हिरवा की सफल सर्जरी चिकित्सा क्षेत्र नेहमारे आशा और विश्वास को पुर्नस्थापित करती है ।

 

 

ट्रांसप्लांट टीम के निदेशक डॉ. धीरेन शाह ने कहा कि ” हमे` इसे संभव बनाने मे` गुजरात सरकार से महत्वपूर्ण मदद मिली । हम जयंती रवि और डॉ. राघवेन्द्र दीक्षित के आभारी है, जिन्होने हमे` इस कोविड जैसी परिस्थिति मे` स्वीकृति प्रदान की ।

 

गौरतलब है कि सीम्स मे लिवर ट्रांसप्लांट कार्यक्रम केवल छह महीने पुराना है और अब हमारे पास लिवर प्रत्यारोपण की सफलता दर 100 प्रतिशत है. जिसमे` अब तक कोई मृत्यू नही` हुई है. अब तक पांच जीवनदाता लिवर प्रत्यारोपण सहित छह लिवर प्रत्यारोपण अब तक किए जा चुके है`। ये सभी स्वस्थ है` क्यो`कि इन सबके बिना लिवर प्रत्यारोपण क्षेत्र मे` आसानी से लक्ष्य हासिल नही` किया जा सकता था ।

 

अस्पताल की ट्रांसप्लांट टीम डॉ. गौरव पटेल, डॉ. अमित चितलिया, डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. प्राची ब्रह्मभट्ट, श्री प्रफुल्ल अचार, और एनेस्थेटिस्ट डॉ. निरेन भवसार, डॉ. दीपक देसाई भी मौजूद थे. इसके अलावा आनन्द खखर जिन्होने लिवर प्रत्यारोपण मे` अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है ।

 

 

 

चिकित्सा क्षेत्र मे` सिम्स अस्पताल ने ऊचाईयो` को तो छुआ ही है साथ ही कई नए कीर्तिमान भी स्थापित किए है`। जिसमे` गुजरात मे` एकमात्र हार्ट ट्रांसप्लांट कार्यक्रम भी शामिल है। कोविड -19 की महामारी के दौरान यह सबसे विश्वसनीय निजी अस्पताल के रुप मे` उभरा है । सिम्स जेसीआई- सयुक्त आयोग इंटरनेशनल(यूएसए) एनएबीएच  (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स) और एनबीएल (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरटीज) से मान्यताप्राप्त है और यह अंतर्राष्ट्रीय गुण्वत्ता वाली हेल्थकेयर से युक्त है । रोगियो` को समुचित सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने वाले यह सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्था है ।

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